सर्व सेवा संघ परिसर पर सरकार के अवैध कब्जा, ध्वस्तीकरण के विरोध में दिल्ली जंतर मंतर सत्याग्रह 

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न्यायिक जांच और पुनर्निर्माण की मांग करते हुए राष्ट्रपति को दिया ज्ञापन 
सत्याग्रह में देशभर के गांधीजन एवं जन आंदोलनों के प्रतिनिधि हुए शामिल  

नई दिल्ली। सर्व सेवा संघ परिसर पर सरकार के अवैध कब्जा, ध्वस्तीकरण के विरोध में दिल्ली जंतर मंतर पर सत्याग्रह किया गया। सत्याग्रह में न्यायिक जांच तथा गांधी विरासत की वापसी के लिए बड़ा आंदोलन करने की बात कही गई। साथ ही पुनर्निर्माण की मांग की गई। इस संकल्प सत्याग्रह के जरिए संपूर्ण घटनाक्रम का विवरण देते हुए राष्ट्रपति को एक ज्ञापन दिया गया, जिसमें यह मांग की गई है कि सर्व सेवा संघ प्रकरण की न्यायिक जांच की जाए, दोषी पाए जाने वाले अधिकारियों व व्यक्तियों को दंडित किया जाए तथा गांधी विचार के इस ऐतिहासिक विरासत को क्षतिपूर्ति सहित सर्व सेवा संघ को वापस किया जाए।

 

सत्याग्रह में देशभर के गांधीजन एवं जन आंदोलनों के प्रतिनिधि शामिल हुए। यह कार्यक्रम सरकार के अवैध कब्जे के एक वर्ष पूरे होने के अवसर पर आयोजित किया गया। ज्ञात हो कि एक वर्ष पहले वाराणसी एवं रेल प्रशासन ने प्रधानमंत्री कार्यालय के इशारे पर आचार्य विनोबा भावे की प्रेरणा से स्थापित राजघाट परिसर एवं लोकनायक जयप्रकाश नारायण के प्रयास से निर्मित विश्व स्तरीय शोध केंद्र – गांधी विद्या संस्थान को षडयंत्र पूर्वक दखल कर लिया और इसके अधिकांश भवनों को बिना किसी अदालती आदेश के गैरकानूनी तरीके से गिरा दिया। बनारस के आला अधिकारियों ने यह झूठ भी फैलाया कि सर्व सेवा संघ ने रेलवे की जमीन पर कब्जा कर रखा है जबकि सर्व सेवा संघ ने नॉर्दर्न रेलवे से 1960, 1961 और 1970 में तीन बैनामे के जरिए 12.89 एकड़ जमीन खरीदी थी। राजस्व अभिलेख- खतौनी में भी सर्व सेवा संघ का नाम दशकों से अंकित था। इससे पहले दिसंबर 2020 में तत्कालीन जिलाधिकारी ने इसी परिसर की जमीन के एक हिस्से को बलपूर्वक कब्जा कर गुजरात की एक कांस्ट्रक्शन कंपनी को अपना वर्कशॉप बनाने के लिए दे दिया था।

सर्व सेवा संघ के अध्यक्ष चंदन पाल ने बताया कि सरकार के इस अन्याय के खिलाफ 22 जुलाई से 12 अगस्त तक पूरे देश में संकल्प सत्याग्रह के तहत विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। इस संबंध में प्रदेश एवं जिला सर्वोदय मंडलों को निर्देशित किया गया है। उन्होंने आगामी कार्यक्रमों की घोषणा करते हुए कहा कि स्वतंत्रता संग्राम के प्रथम सत्याग्रही तथा सर्वोदय आंदोलन के प्रणेता आचार्य विनोबा भावे द्वारा स्थापित राजघाट परिसर के विध्वंस के खिलाफ और इस ऐतिहासिक विरासत के निर्माण के लिए विनोबा जयंती 11 सितंबर 2024 से 100 दिनों का सत्याग्रह राजघाट परिसर के समक्ष चलाया जाएगा। इसमें प्रदेश व जिला सर्वोदय मंडलों, विभिन्न जन संगठनो, किसान संगठन एवं अन्य सामाजिक राजनीतिक संस्थाओं की भागीदारी रहेगी।

कार्यक्रम में शामिल होने वालों में चंदन पाल, रामधीरज, शेख हुसैन, अरविंद  कुशवाहा, अरविंद अंजुम, डॉ विश्वजीत, सवाई सिंह, सत्येंद्र सिंह, गाजीपुर से ईश्वर चंद आईकैन के दीपक ढोलकिया, लोकतांत्रिक राष्ट्रनिर्माण अभियान के सुशील कुमार, चंपारण से पंकज, आगरा से चंद्रमोहन पाराशर, झांसी से रामकृष्ण गांधी, कानपुर से सुरेश गुप्ता, दिसोम से चतुर्भुज यादव रीवा से लोकतंत्र सेनानी अजय खरे, जेपी फाउंडेशन के शशि शेखर सिंह हिंद मजदूर पंचायत के राष्ट्रीय अध्यक्ष हर भजन सिंह सिद्धू आदि प्रमुख लोग शामिल हुए।

अन्याय के प्रतिकार और सच का साथ देने के लिए भारत जोड़ो अभियान के योगेंद्र यादव, विजय प्रताप, विजय महाजन सुप्रीम कोर्ट के चर्चित अधिवक्ता प्रशांत भूषण  एडीआर के जगदीप छोकर सीएफडी के अध्यक्ष एस आर हीरेमठ, रामशरण दास किसान नेता डॉ सुनीलम तथा कांग्रेस पार्टी के दिग्विजय सिंह एवं जयराम रमेश, आरजेडी के सांसद सुधाकर सिंह, आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह, धर्मवीर गांधी समाजवादी पार्टी के रामजीलाल सुमन लखनऊ से पूर्व एमएलसी विंध्यवासिनी कुमार आदि कई सांसद भी जंतर मंतर पहुंचकर सत्याग्रह में शामिल हुए और अपना समर्थन दिया।

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