नई दिल्ली| दिल्ली में नगर निगम चुनाव करीब है ऐसे में भाजपा के लिए निगम के कर्मचारी चुनाव के दौरान परेशानी खड़ी कर सकते हैं। चुनाव से पहले निगम कर्मचारी वेतन, पेंशन व डीए भत्ता लागू करने की मांगों को लेकर हड़ताल करने की तैयारी कर रहे हैं। हालांकि कर्मचारियों की निगम के महापौरों से मुलाकात भी हुई, लेकिन कर्मचारियों को कोई ठोस आश्वासन नहीं मिल सका है। दरअसल उत्तरी और पूर्वी दिल्ली नगर निगम के कर्मचारियों को पिछले तीन महीने से वेतन और पेंशन नहीं मिला है। वहीं केंद्र सरकार द्वारा बढ़ाए गए डीए भत्ता को भी लागू नहीं किया गया। निगम कर्मचारियों की संयुक्त संगठन कन्फेडरेशनऑफ एमसीडी इम्पलाइज यूनियन ने निगमों के महापौरों व अन्य अधिकारियों से मुलाकात के बाद घोषणा की है कि 13 दिसंबर से कर्मचारी काम बंद हड़ताल करेंगे।
यूनियन के तरफ से जानकारी दी गई कि, शुक्रवार को कंफेडरेशन के सभी घटक दलों की मेयर और निगम प्रशासन के साथ दो घंटे चली चर्चा बेनतीजा रही, क्योंकि निगम प्रशासन सिवाय आश्वासन के कोई भी ठोस कार्रवाई करने के तैयार नहीं है। वहीं आज की स्थिति में बिना आदेश और सैलरी ,पेंशन और डीए के कर्मचारी ठगा सा महसूस कर रहे हैं। हम 13 दिसंबर सोमवार को प्रदर्शन करेंगे, यह प्रदर्शन निगम हेडक्वार्टर सिविक सेंटर पर किया जाएगा।
कन्फेडरेशन के कन्वीनर अस्लम परवेज ने बताया कि, निगम की ओर से सिर्फ आश्वासन ही दिया जा रहा है। करीब एक लाख कर्मचारी इस हड़ताल में शामिल होंगे। जिनमें सभी डिपार्टमेंट के कर्मचारी होंगे। वर्तमान व पूर्व कर्मचारियों को वेतन और पेंशन नहीं मिलने से उनके घर के खर्चे पूरे नहीं हो रहे हैं। कई कर्मचारी 60 साल से अधिक की उम्र के हैं, उनको पेंशन नहीं मिल रहा है।
उन्होंने आगे कहा कि, “तीनों निगमों को फिर से एक कर दी जाए। वहीं या तीनों निगमों का फाइनेंस एक कर दिया जाए। साथ ही केंद्र सरकार एक बार ढाई हजार करोड़ देकर निगमों की दिक्कतों को खत्म कर दें। निगम और दिल्ली सरकार सिर्फ एक दूसरे के ऊपर आरोप ही लगाती है।