लाउडस्पीकर विवाद पर सपा सांसद शफीकुर्रहमान बर्क ने कहा था कि अजान केवल 3-4 मिनट की होती है और अखंड रामायण कई घंटे चलता है
द न्यूज 15
पटना । आरएसएस का देश पर ऐसा असर पड़ जाएगा किसी ने सोचा न था। जब खांटी समाजवादी मस्जिद में लाउडस्कीपर बजने का हवाला देकर नींद न आने की बात करत सकते हैं तो समझ लीजिए देश कहां जा रहा है। जिस देश नमाज पर उठने की परंपरा सी बन गई हो उसी देश में नमाज को इतना बड़ा मुद्दा बना लिया जाएगा यह समझ से बाहर है। यह ऐसे समय में हो रहा है जब गांवों में भी मंदिरों में ४ बजे से ही भक्तिगीत बजने शुरू हो जाते हैं। मस्जिदों में लाउडस्पीकर बजाने का मुद्दा जदयू संसदीय दल के नेता उपेंद्र कुशवाहा ने उठाया है। दरअसल देश के कई राज्यों में रमजान के बीच, मस्जिदों में लाउडस्पीकर को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। महाराष्ट्र, कर्नाटक के बाद अब इस मुद्दे पर बिहार में भी राजनीति गर्माती नजर आ रही है। एक मंत्री के बयान का जिक्र करते हुए जब उपेंद्र कुशवाहा से सवाल किया गया तो जदयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष ने कहा, “हम तो गांव जाते हैं तो सो नहीं पाते हैं, चार बजे से ही मंदिर में लाउडस्पीकर बजने लगता है।”
उपेंद्र कुशवाहा से पूछा गया था कि खान एवं भूतत्व मंत्री जनक राम ने मस्जिद में बजने वाले लाउडस्पीकर पर रोक लगाने की मांग की है। इस पर कुशवाहा ने कहा, “मंत्री ने क्या सोचकर ये बयान दिया है, ये तो वही जानें लेकिन ऐसा नहीं है कि इसके दायरे में केवल मस्जिद ही आती हैं, बल्कि ऐसी स्थिति मंदिरों के मामले में भी आती है।”
कुशवाहा ने आगे कहा, “कभी-कभी डेढ़-दो बजे रात में घर लौटकर सोने जाते हैं तभी लाउडस्पीकर बजने लगता है।” उन्होंने कहा कि तेज आवाज कहीं से भी आए, उसे रोकने पर विचार किया जाना चाहिए। कुशवाहा ने कहा कि बात मंदिर-मस्जिद की नहीं है। ध्यान इस बात पर दिया जाना चाहिए कि यह आवाज खासकर सोने यानी रात के समय या तड़के सुबह न हो।