क्या एक्शन होगा?
पटना। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकारी गाड़ी नियमों की धज्जियां उड़ाती पाई गई. गाड़ी के पॉल्यूशन सर्टिफिकेट की वैधता खत्म हो चुकी है. बाबजूद इसके यह गाड़ी नियमों को धता बताते हुए सड़कों पर खूब दौड़ रही है. राज्य सरकार पर्यावरण को प्रदूषित होने से बचाने के लिए कई कदम उठती रही है. हाल फिलहाल में भी केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा ट्रैफिक को नियंत्रित करने के लिए कई नियम कानून बनाए गए हैं. लेकिन राज्य के मुखिया की सरकारी गाड़ी इन नियमों का पालन नहीं कर रही है. इससे पहले भी इसी गाड़ी का सीट बेल्ट नहीं लगाने पर चालान काट चुका है.
जानकारी के अनुसार, मंगलवार को सीएम नीतीश कुमार रोहतास जिले के करगहर प्रखंड के कुशही गांव गए हुए थे. वहां उन्होंने पश्चिम चंपारण के जिलाधिकारी दिनेश कुमार राय के पिता और सामाजिक कार्यकर्ता रामायण राय की पुण्यतिथि पर आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लिया. साथ ही रामायण राय की प्रतिमा पर माल्यार्पण भी किया था. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जिस सरकारी वाहन से करगहर पहुंचे थे, उस सरकारी वाहन का नंबर BR01CL 0077 था.
सीएम नीतीश कुमार का सरकारी वाहन परिवहन विभाग के नियमों का उल्लंघन करते हुए पाया गया. इस गाड़ी का पॉल्यूशन सर्टिफिकेट बीते चार अगस्त 2024 को ही समाप्त हो चुका है. इसके बावजूद यह गाड़ी सड़क पर चल रही है. सबसे अहम बात यह है कि खुद बिहार के मुख्यमंत्री इस वाहन का उपयोग कर रहे हैं. बताया यह भी जा रहा है कि इस वाहन पर पहले भी जुर्माना लग चुका है. इसी साल 23 फरवरी को सीट बेल्ट नहीं लगाने के लिए इसी गाड़ी पर एक हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया था. हालांकि, ये चालान रोहतास में नहीं बल्कि किसी अन्य जिले के टॉल गेट पर काटा गया.
सीएम के सरकारी वाहन से जुड़ी इन खबरों को एम परिवहन ऐप के माध्यम से जानकारी को लोग सोशल मीडिया पर भी साझा कर रहे हैं. बता दे कि सरकारी नियम के अनुसार, अगर पेट्रोल और डीजल चालित वाहन का पॉल्यूशन सर्टिफिकेट नहीं है तो इसके लिए दस हजार रुपए तक का जुर्माना हो सकता है. इसके अलावा, कुछ परिस्थितियों में वाहन को जब्त किया जा सकता है और कार के मालिक को छह महीने तक की जेल भी हो सकती है.