चिराग पासवान, पिता रामविलास पासवान के निधन के बाद पहली बार अपने पैतृक गांव पहुंचे, जहां उन्होंने अपनी बड़ी मां से मुलाकात की
द न्यूज 15
पटना । बिहार लोजपा के प्रमुख चिराग पासवान ने वो काम कर दिखाया है जो उनके पिता स्व. रामविलास पासवान भी नहीं कर पाए थे। चिराग अपने बिखरे हुए परिवार को 44 साल बाद मिलाने में कामयाब हो गए हैं। स्व. पासवान की दोनों पत्नियों को चिराग ने चार दशक बाद मिला दिया। ये काम रामविलास पासवान भी नहीं कर पाए थे।
दरअसल राम विलास पासवान ने दो शादियां की थीं। पहली शादी राजकुमारी देवी से हुई थी। राजकुमारी देवी उनके पैतृक गांव शहरबन्नी में ही रहतीं हैं। दूसरी शादी रीना पासवान से हुई थी। दूसरी शादी के बाद रामविलास पासवान बहुत ही कम या शायद नहीं के बराबर ही अपने गांव गए थे। पासवान की मृत्यु के बाद पहले से ही बिखरा हुआ परिवार और बिखर गया, जब चाचा पशुपति पारस ने पार्टी से बगावत करते हुए केंद्र में मंत्री बन गए और चिराग पासवान अकेले रह गए।
अब राजनीतिक मोर्चे पर अकेले लड़ रहे चिराग ने अपने परिवार को एकजुट करना शुरू कर दिया है। शुक्रवार को चिराग पासवान अपनी मां रीना पासवान के साथ अपने पैतृक गांव शहरबनी पहुंचे। जहां उनकी बड़ी मां राजकुमारी देवी रहती हैं। चिराग अपनी मां को राजकुमारी देवी के पास ले गए और उनका आशीर्वाद लिया।
इससे पहले चिराग पासवान, रीना पासवान के साथ शहरबन्नी में दादा-दादी के स्मारक पर पहुंचे और उन्हें श्रद्धांजलि दी। वे मेघुना सेकेंडरी कम हाई स्कूल भी पहुंचे, जहां से रामविलास पासवान ने पढ़ाई की थी। यहां उन्होंने कहा कि मेरे पिता इस स्कूल में पढ़ने के लिए नदी पार कर आया करते थे।
उन्होंने कहा कि स्कूल की हालत सुधारने के लिए पापा ने स्कूल में कंप्यूटर लैब और पुस्तकालय भवन का निर्माण कार्य भी करवाया था। रामविलास पासवान की दोनों पत्नियों की यह मुलाकात थी तो कुछ पलों के लिए ही, लेकिन लंबे समय बाद इस पारिवारिक मिलन के नजारे ने घरवालों के साथ-साथ गांववालों को भी खुश कर दिया। इस मौके पर रीना पासवान और राजकुमारी देवी ने मिलकर चिराग पासवान को आशीर्वाद दिया।