Chandigarh MMS Delete : इन दिनों चंडीगढ़ यूनीवर्सिटी में छात्राओं के वीडियो लीक होने की खबर छाई हुई है, इस खबर के आते ही University के Students की ओर से मांग उठ रही है कि लीक वीडियो इंटरनेट से डिलीट (Chandigarh MMS Delete ) करवाए जाए, अब सवाल ये कि आखिर किसी वीडियो को इंटरनेट से डिलीट कैसे किया जा सकता है?
साथ ही सवाल कि जब दुनियाभर की टेक कंपनियों के लिए बाजार के तौर पर पहली पसंद भारत है, ये टेक कंपनियां जब भारत के गांवों कस्बो तक पहुंच गई है, फिर ऐसे में भारत के साइबर Law इतने लचर क्यों है?
क्या वीडियो डिलीट करना संभव है?
सबसे पहली बात आप ये जान लें कि अगर आप किसी कंटेंट को इंटरनेट पर अपलोड कर देते है तो उसके डिलीट होने की संभावना न के करीब होती है। इंटरनेट की दुनिया में Privacy एक मिथ की तरह होता है। कई बार तो हमें खुद नहीं पता कि हमने कितनी Apps को हमारे गैलेरी स्थिति फोटो, लोकेशन का परमिशन दे रखा है।
कैसे फंसते हैं लोग ?
अधिकतर मामलों में स्कैम करने वाले किसी लिंक के सहारे आपके फोन की जानकारी हासिल कर लेते है। जैसे ही आप किसी अंजान लिंक पर क्लिक कर देते है वैसे ही आपके फोन में एक वायरस Download हो जाता है, जो कि आपकी निजी जानकारी स्कैम करने वालों को भेज देता है।
अब दूसरी परिस्थिति – मान लीजिए आपकी online किसी अनजान व्यक्ति से दोस्ती हो जाए, उस व्यक्ति की प्रोफाइल भी आपको काफी आकर्षक लगे, उसकी मीठी बातों से आपको उस पर भरोसा हो जाए, इसी क्रम में वे आपका भरोसा जीत आपसे Video Call करने की मांग करें, और आप कर भी इस बात पर राजी हो जाए।
लेकिन सामने वाले व्यक्ति के इरादे ठीक न हों वो आपका गलत वीडियो बना लें या किसी दुसरी App का इस्तेमाल कर आपकी फोटो किसी दूसरे आपत्तिजनक वीडियो में लगा दे।
अकसर ये स्कैम करने वाले आपकी वीडियो लीक करने की धमकी देते है और भारी रकम की मांग करते है, रकम देने के बाद भी वो आपका पीछा नहीं छोड़ते और बार बार पैसे मांगते है, आपके वीडियो को सोशल मीडिया, आपके फैमिली ग्रुप पर डालने की धमकी देते है।
एजेंसियों की सीमाएं –
भारत में सरकार, अदालतें और आपकी पुलिस आपके वीडियो को डिलीट तो करवा सकती है लेकिन तभी तक जब तक कि संबंधित कंपनी भारत के नियमों और कानून की पहुंच के अंदर हो ज्यादातर मामलों में इन कंपनियों के सरवर यानि कि जहां आपका डाटा स्टोर है वह किसी और ही देश मे स्थित होता है ऐसी परिस्थिति में फला कंपनी भारत के नियम कानून के दायरे से बाहर होती है।
उदाहरण किसी फला कंपनी ने आपके साथ स्कैम किया जो कि विदेश से संचालित होती है और आपका चुराया डेटा भी उसी देश के सरवर में है, ऐसी स्थिति में संस्थानों को आपस में बातचीत कर इसे सुलझाना होता है जिसमे काफी लंबा समय लग सकता है। कई मामलों में ये काफी कठिन होता है।
अगर फंस गए है तो क्या करें ?
इस तरह के स्कैम होने पर घबराएं नहीं गलती आपकी नहीं, आपको धमकाने वाले की है, गलती आपसे तब हुई जब आपने उस लिंक पर क्लिक किया या फला इंसान को Video Call का मौका दिया। अगर ये गलती हो भी गई हो एसी स्थिति में आप इन बिंदुओं का पालन जरूर करें –
- जिस भी नंबर से पैसे की मांग की जाए उसकी Details पुलिस को मुहैया कराए।
- जिस भी Account में पैसे डालने की मांग हो उसकी जानकारी भी पुलिस को दे।
- जिस भी Profile से आपके साथ स्कैम हुआ हों उसका Screenshot रखें, पुलिस को दें ताकि वे जांच कर उन्य लोगों को धोखाधड़ी से बचा सके।
बचाव के उपाय –
अपनी Privacy को बनाए रखने के लिए आपको भी वही सतर्कता बरतनी चाहिए जो आप असल दुनिया में बरतते है, उदाहरण के लिए असल दुनिया में आप किसी अंजान आदमी से यू ही नही बात करते, लेकिन किसी Security Guard या किसी दुकानदार से बात करने में आप सहज होते है।
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ठीक उसी तरह किसी भी अंजान Application को आप अपने गैलेरी की परमिशन न दें, किसी चर्चित एप्पलीकेशन जैसे कि Twitter और WhatsApp पर आप थोड़ा भरोसा कर सकते है लेकिन ध्यान रखिए कि इन Application को उतना ही access दें जितना आप सही समझे, आप सेटिंग में जाकर हर App की परमिशन को सेट कर सकते है।
अपने फोन को हमेशा समय के साथ Update रखें, ये अलग बात है कि Update फोन को धीमा कर देते है लेकिन ये नए नए किस्म के वायरस से फोन की सुरक्षा को भी बढ़ा देते है।
भारत में सुरक्षा कानूनों की स्थिति –
भारत में सुरक्षा के कानून को जीने की स्वतंत्रता के अंतर्गत देखा जाता है। सरकार IT एक्ट और Privacy के कानून को मिला कर नए नियम लाने के प्रयास कर रहीं है, देश में 5G सेवा आने के बाद भी अभी भी इन कानूनों की रूपरेखा और खासकर नियत उतनी स्पष्ट नहीं।
अधिकतर इन कानूनों को बनाया तो लोगों की सुरक्षा बढ़ाने के उद्देश से किया जाता है लेकिन सरकारे इनका इस्तेमाल लोगों की निजी जानकारी या विभिन्न प्लेटफार्म में आवाज दबाने के लिए करने लगती है, कई मामलों में Twitter को यूजर का डेटा Access करने का आदेश दिया गया लेकिन इस बात से उन्होंने इंकार कर दिया।
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सरकार का कहना है कि अगर इन कंपनियों को भारत के अंदर अपनी सेवाएं देनी है तो आपको भारत के ही कानूनों का पालन करना होगा। हम भी यही चाहते है कि भारत, जहां लोगों में अभी भी Internet literacy उतनी नहीं हैं वहा पर इन कानूनों का सही तरीके से लागू किया जाना जरूरी है।
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