चंपारण : सामूहिक दुष्कर्म मामले में 20 वर्षों के सश्रम कारावास की सजा

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मोतिहारी । पॉक्सो एक्ट कोर्ट नंबर 1 के विशेष न्यायाधीश राजाराम संतोष कुमार ने सामुहिक दुष्कर्म मामले में नामजद दो अभियुक्तों में एक को दोष सिद्ध होने पर 20 वर्षों का सश्रम कारावास एवम आठ हजार रुपए अर्थ दंड की सजा सुनाए। अर्थ दंड नहीं देने पर अतिरिक्त सजा काटनी होगी। सजा गोविन्दगंज थाना के राजेपुर निवासी सारिक अंसारी को हुई। वहीं दूसरे अभियुक्त मुकुल दूबे उर्फ सुधीर दूबे भी 7 अगस्त को ही दोषी करार दिए गए,परंतु वह न्यायालय में उपस्थित नहीं हुआ। आज सजा सुनाए जाने के समय अनुपस्थित रहने के कारण उसके वाद को पृथक कर न्यायालय ने अग्रतर कार्रवाई की। मामले में पिड़िता के पिता ने गोविन्दगंज थाना काण्ड संख्या 228/2022 दर्ज कराते हुए सारिक अंसारी एवं मुकुल दूबे उर्फ सुधीर दुबे सहित अन्य को नामजद किया था। जिसमें कहा था कि 11 जुन 2022 को उसकी नाबालिग पुत्री को ग्रामीण अनिता कुमारी बहला फुसलाकर नामजद लोगों के चुंगल में सौंप दी तथा उस हैवानों ने उसकी पुत्री के साथ सामुहिक दुष्कर्म किया। पॉक्सो वाद संख्या 58/2022 विचारण के दौरान विशेष लोक अभियोजक मणी कुमार ने आठ गवाहों को न्यायालय में प्रस्तुत कर अभियोजन पक्ष रखा। दोनों पक्षों का दलीलें सुनने के बाद न्यायालय ने सारिक अंसारी को उक्त सजा सुनाए। न्यायाधीश ने पीड़िता को पीड़ित घोषित करते हुए प्रतिकर अधिनियम के तहत मुआवजा देने की करवाई करने का निर्देश जिला विधिक सेवा प्राधिकार को दिया।

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