नई दिल्ली| केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने अपने एक बयान में कह डाला की ‘हम एक कदम पीछे हटे हैं, आगे बढ़ेंगे’ उनके इस बयान को लेकर ‘ किसान विरोधी’ बताते हुए कांग्रेस पार्टी ने उन पर निशाना साधा है। कांग्रेस महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने शनिवार को उनके बयान पर कहा , “देश के कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने महाराष्ट्र में बयान दिया कि ‘तीनों कानूनों को वापस लाएंगे’। उनके इस बयान से मोदी सरकार का किसान विरोधी चेहरा फिर से उजागर हो गया है।” उन्होंने दावा किया कि यह साफ है कि मोदी सरकार पांच राज्यों के चुनाव के बाद एक बार फिर तीनों कृषि कानूनों को नई शक्ल में लाने की तैयारी कर रही है और वो ऐसा इस लिए कर रही है चूंकी उनके ऊपर देश के पूंजीपतियों का पूरा दबाव है |
सुरजेवाला ने यह भी याद दिलाया कि किसानों का 75 वर्षो में देश की आजादी के बाद गांधीवादी शांतिप्रिय आंदोलन 380 दिन से अधिक दिल्ली की सीमाओं पर चला। 700 से अधिक किसानों की जान चली गई। आखिर में मोदी सरकार को झुकना पड़ा। प्रधानमंत्री ने किसानों से माफी मांगी और माफी मांग कर तीनों कानून संसद में वापस ले लिए।
उन्होंने कहा, कांग्रेस पार्टी ने तब भी इसे चुनावी भय से किया हुआ ‘राजनीतिक स्टंट’ करार दिया था और उसके बाद अब फिर से भाजपा नेताओं के आ रहे बयानों से यह राजनितिक भय साफ हो गया है।
सुरजेवाला ने तथ्य सामने रखते हुए कहा कि 21 नवंबर, 2021 को कृषि कानून खत्म होने के बाद राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने ये कहा कि ये कानून किसी और शक्ल में वापस लाए जाएंगे। इसके बाद शुक्रवार को देश के कृषि मंत्री तोमर ने महाराष्ट्र में तीन महत्वपूर्ण बातें कहीं कि मोदी सरकार एक कदम पीछे हटी है, फिर आगे बढ़ेंगे। ये सब बयान स्पष्ट करते हैं कि फिर से ये तीन कानून लाए जाएंगे।
सुरजेवाला ने भाजपा पर आरोप लगाया कि देश के किसानों और देश के 140 करोड़ लोगों को ये समझ आ गया है कि सरकार पूंजीपतियों के दबाव में ये कानून लाई थी और फिर से ये कानून लाना चाहती है। देश का अन्नदाता किसान और खेत-मजदूर 140 करोड़ लोगों की खाद्य सुरक्षा की लड़ाई लड़ रहा है अगर ये कानून फिर वपास लाये गए तो उत्तर प्रदेश में, उत्तराखंड में, पंजाब में और बाकी राज्यों के चुनाव में भाजपा को इसका नतीजा देखने को मिल जाएगा।