नई दिल्ली| केंद्रीय मंत्रिमंडल ने महिलाओं की शादी के लिए न्यूनतम कानूनी उम्र 18 से बढ़ाकर 21 साल करने का प्रस्ताव पारित किया है। सूत्रों ने बताया कि सरकार ने बुधवार को कैबिनेट की बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी।
वर्तमान में, पुरुषों के लिए विवाह की कानूनी न्यूनतम आयु 21 वर्ष और महिलाओं के लिए 18 वर्ष है। सूत्रों ने कहा कि यह प्रस्ताव जया जेटली की अध्यक्षता वाले नीति आयोग के टास्क फोर्स की सिफारिश पर आधारित था। स्वास्थ्य मंत्रालय, महिला एवं बाल विकास मंत्रालय और कानून मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी पिछले साल जून में गठित टास्क फोर्स के सदस्य थे।
टास्क फोर्स का गठन मातृत्व की उम्र, एमएमआर को कम करने की अनिवार्यता (मातृ मृत्यु दर), पोषण स्तर में सुधार और संबंधित मुद्दों से संबंधित मामलों की जांच के लिए किया गया था।
केंद्रीय कैबिनेट की मंजूरी के बाद सरकार महिलाओं की शादी की कानूनी उम्र बढ़ाने के नए फैसले को लागू करने के लिए बाल विवाह निषेध अधिनियम, विशेष विवाह अधिनियम और हिंदू विवाह अधिनियम में संशोधन करेगी।
पिछले साल स्वतंत्रता दिवस के अपने भाषण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि महिलाओं को कुपोषण से बचाने के लिए उनकी सही उम्र में शादी होनी चाहिए।
सूत्रों ने कहा, “टास्क फोर्स ने यह भी सिफारिश की है कि यौन शिक्षा को औपचारिक रूप दिया जाए और स्कूली पाठ्यक्रम में इसे शामिल किया जाए।