राज्य ने अडानी समूह का पक्ष लेने और याचिकाकर्ता कंपनी सेकलिंक टेक्नोलॉजीज को बोली लगाने से रोकने के लिए दुर्भावनापूर्ण तरीके से काम किया।
बंबई उच्च न्यायालय ने धारावी रीडेवलपमेंट प्रोजेक्ट की टेंडर प्रक्रिया को चुनौती देने वाली याचिका में संशोधन करने की इजाजत दे दी है। संशोधन के मसौदे में इस बात का दावा किया गया है कि राज्य ने अडानी समूह पक्ष लेने और याचिकाकर्ता कंपनी सेकलिंक टेक्नोलॉजीज को बोली लगाने से रोकने के लिए दुर्भावनापूर्ण तरीके से काम किया।
इस मामले में कार्यवाहक चीफ जस्टिस एस.वी. गंगापुरवाला और जस्टिस संतोष चपलगांवकर की खंडपीठ ने याचिकाकर्ता को अदालत में दिये गये संशोधित मसौदे के अनुसार याचिका में संशोधन करने की इजाजत दी। इसमें इस मामले को ६ जनवरी २०२२ तक विचार करने के लिए आगे बढ़ा दिया।