बीजेपी विधायक हरिभूषण ठाकुर बचौल ने उठाई सीमांचल को अलग राज्य बनाने की मांग
बिलबिला उठी बीजेपी की सहयोगी पार्टी जदयू
गिरिराज सिंह और निशिकांत दुबे भी उठा चुके यह माँग
द न्यूज 15 ब्यूरो
नई दिल्ली। राजनीति की जननी माने जाने वाले बिहार की धरती से भारतीय जनता पार्टी वह मास्टर स्ट्रोक मारने जा रही है। उससे न केवल उसके विरोधी धराशाई हो जाएंगे बल्कि उनकी सहयोगी पार्टी जदयू का भी खेल बिगड़ने वाला है। बीजेपी ने बिहार में हिंदुत्व से बड़ा दांव चल दिया है। 2025 में होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी का यह बड़ा दांव माना जा रहा है।
दरअसल बीजेपी ने सीमांचल को अलग राज्य बनाने की मांग कर दी है। अब यह मांग बीजेपी विधायक हरिभूषण ठाकुर बचौल के माध्यम से उठवाई गई है। राष्ट्रीय एकता और राष्ट्रवाद का राग अलापने वाली बीजेपी ने बिहार के एक और टुकड़े करने की डिमांड केंद्र सरकार से की है। डिमांड है कि बिहार के सीमांचल इलाके को अलग कर एक और राज्य बनाया जाए, जिसे केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा दिया जाए। इस डिमांड पर सहयोगी दल जेडीयू बिलबिला उठा है।
दिलचस्प बात यह है कि फायर ब्रांड नेता माने जाने वाले केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने हिन्दू स्वाभिमान यात्रा के जरिए इसकी पहल की तो भाजपा के विधायक हरिभूषण ठाकुर बचौल ने सीमांचल को केंद्र शासित प्रदेश की मांग कर हिंदुत्व की ओर एक कदम और बढ़ा दिया है। देखने की बात यह है कि यह कोई नई मांग नहीं है। इसके पहले भी सीमांचल को केंद्र शासित राज्य बनाने की मांग उठती रही है। पर वर्तमान के परिप्रेक्ष्य में भाजपा के विधायक हरिभूषण ठाकुर बचौल ने एक बार फिर चर्चा कर बिहार की राजनीति में भूचाल ला दिया है।
भाजपा के विधायक हरिभूषण ठाकुर बचौल ने सीमांचल के इलाके में हिंदुओं के अल्पसंख्यक हो रहे मुद्दे को उठाते हुए केंद्र सरकार से किशनगंज, अररिया, कटिहार और पूर्णिया के साथ बंगाल के कुछ जिलों को शामिल कर केंद्र शासित प्रदेश बनाने की मांग कर दी है। वजह बताते हुए बचौल ने कहा कि बिहार के चार जिलों में बांग्लादेशी घुसपैठियों के कारण हिन्दू अल्पसंख्यक हो गए हैं। सीमावर्ती राज्यों के ऐसे जिलों को जोड़कर केंद्र शासित प्रदेश बनाना चाहिए।
उनका मानना है कि केंद्र शासित प्रदेश बनाकर ही घुसपैठ पर नियंत्रण किया जा सकता है। हालात यह है कि बिहार के अररिया, किशनगंज, कटिहार और पूर्णिया, झारखंड के दुमका, पाकुर, साहेबगंज और राजमहल में आदिवासियों की संख्या घट गई है। इस वजह से धार्मिक और सामाजिक असंतुलन बिगड़ गया है और जनसंख्या का संतुलन भी प्रभावित हो रहा है।
हरिभूषण ठाकुर बचौल का कहना है कि जहां-जहां हिंदुओं की संख्या कम हुई है, वहां विभाजन की मांग उठने लगी है और वह हिस्सा देश से भी कट जाता है। एक समय आयेगा जब वह भारत से अलग होने की मांग करने लगेंगे।
हालांकि हरिभूषण बचौल से पहले भाजपा के सांसद रहे निशिकांत दुबे ने यह मांग रखी थी। उन्होंने मांग की थी कि बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल के कुछ इलाकों को मिलाकर एक केंद्र शासित प्रदेश बनाया जाए। निशिकांत दुबे ने इस मुद्दे को लोकसभा में उठाते कहा था कि झारखंड के संथाल परगना रीजन में बांग्लादेशी घुसपैठियों के कारण आदिवासियों की आबादी घट रही है।
पश्चिम बंगाल के मालदा और मुर्शिदाबाद, बिहार के अररिया, किशनगंज और कटिहार और झारखंड के संथाल परगना रीजन के छह जिले- गोड्डा, देवघर, दुमका, जामताड़ा, साहिबगंज और पाकुर को शामिल कर केंद्र शासित प्रदेश बनाना ही इस समस्या का निदान है।
अगर ऐसा नहीं हुआ तो हिन्दू एक दिन अल्पसंख्यक हो जायेंगे। तब फिर यहां से अलगाववादी तत्वों सक्रिय होकर भारत से ही अलग होने की मांग करने लगेंगे। सदन को जानकारी देते निशकांत दुबे ने सदन को इस बात से अवगत कराया था कि 2000 में जब बिहार से अलग होकर झारखंड बना था, तब संथाल परगना रीजन में 36% आबादी आदिवासियों की थी, जो अब घटकर 26% हो गई।
दरअसल हो यह रहा है कि बांग्लादेशी घुसपैठिए यहां की महिलाओं से शादी कर लेते हैं और ये अपनी पत्नी को आगे कर पंचायत से लेकर विधानसभा तक का चुनाव लड़ते हैं। एक आंकड़ा के जरिए निशिकांत दुबे ने यह जानकारी दी कि झारखंड में कम से कम 100 गांव ऐसे हैं, जहां की ग्राम प्रधानों के पति मुस्लिम हैं। यही आरोप भाजपा विधायक हरिभूषण ठाकुर बचौल ने भी लगाते हुए कहा कि घुसपैठिए का असर अब सीमांचल से आगे निकल कर दरभंगा, मधुबनी और झंझारपुर के इलाकों में दिखने लगा है। बड़े पैमाने पर ये लोग गरीब हिंदुओं से शादी कर रहे हैं और अपनी पत्नियों को चुनाव में उतार कर स्थानीय लोगों को परास्त कर अपने उद्देश्य को आगे बढ़ा रहे हैं। यह यहां के मूल निवासियों के लिए खतरे की घंटी भी है।