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Bihar News : मकर संक्रांति पर देखने को मिले नीतीश के तेवर, 18 को होगा खेला!

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पशुपति पारस के दही चूड़ा भोज में मिल सकते हैं लालू और नीतीश 

चिराग के दही चूड़ा भोज में नीतीश ने स्पष्ट कर दिया रुख 

नीतीश के बिना चिराग पासवान से मिले चले जाने के मायने ?

आरजेडी ने मकर संक्रांति पर चल दिया बड़ा दांव 

अपने क्षेत्र में दही चूड़ा का कार्यक्रम कर रहे आरजेडी के विधायक 

18 को मिल सकते हैं लालू,नीतीश और राहुल गांधी 

चरण सिंह 
नई दिल्ली/पटना। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मकर संक्रांति पर आख़िरकार अपने तेवर दिखा ही दिए हैं। केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने एनडीए की एकजुटता के लिए दही चूड़ा का जो कार्यक्रम रखा था, उसमें नीतीश कुमार ने एकजुटकता न होने का बड़ा संदेश दे दिया। नीतीश कुमार मंगलवार को सुबह ही पहुंच गए और दही चूड़ा खाये बिना और चिराग पासवान से मिले बिना ही चले गए। दरअसल जानकारी यह मिल रही है कि नीतीश कुमार को 12 बजे कार्यक्रम में पहुंचना था पर वह सुबह ही वहां पहुंच गए और पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान की तस्वीर पर पुष्पांजलि अर्पित कर पांच मिनट रुककर चले गए।
ऐसे में प्रश्न उठता है कि क्या नीतीश कुमार के आवास से कार्यक्रम में पहुंचने की जानकारी चिराग पासवान को नहीं दी गई थी ? क्या खुद नीतीश कुमार ने कार्यक्रम में पहुंचने की जानकारी नहीं देने दी ? क्योंकि इस कार्यक्रम में चिराग पासवान के अलावा दोनों डिप्टी सीएम और कई मंत्रियों से उनकी मुलाकात होनी थी। ऐसे में यह माना जा रहा है कि नीतीश कुमार अपनी नाराजगी जारी रखना चाहते हैं। दरअसल यह माना जा रहा था कि नीतीश कुमार मकर संक्रांति पर ऐसा कुछ संकेत देंगे कि बिहार में बड़ा खेला होने जा रहा है।
उधर लालू प्रसाद और तेजस्वी यादव ने मकर संक्रांति के दिन दही-चूड़ा भोज को विधानसभा चुनाव से जोड़ दिया। एक ओर जहां आरजेडी ने अपने कार्यकर्ताओं और नेताओं के लिए दही चूड़ा भोज का कार्यक्रम पटना में रखा वहीं अपने विधायकों से अपने अपने क्षेत्र में दही चूड़ा भोज रखने के निर्देश दे रखे थे। आरजेडी के विधायकों ने लोगों के बीच में दही चूड़ा भोज का कार्यक्रम किया। कहन गलत न होगा कि मकर संक्रांति का बिहार में राजनीतिकरण हो गया है।  डिप्टी सीएम विजय सिन्हा का एक दिन पहले ही बिना पूजा के दही चूड़ा भोज रखना इसका जीता जागता उदाहरण है।
अब कल यानि कि 15 जनवरी को पूर्व केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस ने भी दही चूड़ा भोज रखा है। इस भोज में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, राज्यपाल मो. आरिफ खान, आरजेडी मुखिया लालू प्रसाद, पूर्व डिप्टी सीएमतेजस्वी यादव को भी न्योता दिया है। ऐसा माना जा रहा है कि पशुपति पारस के इस भोज कार्यक्रम में नीतीश कुमार और लालू प्रसाद की मुलाकात होगी। क्या बात होगी वह भी सियासत को आगे बढ़ाने वाली होगी।
दरअसल सुख समृद्धि के नाम से जाने जाना वाला मकर संक्रांति त्यौहार बिहार में पूरी तरह से सियासत से सराबोर हो गया है। बिहार की राजनीति में समीकरण साधने और वोटबैंक के लिए कार्यक्रम करते हैं। चिराग पासवान ने दही चूड़ा का कार्यक्रम एनडीए की एकता के लिए किया तो राजद ने विशुद्ध रूप से वोटबैंक के लिए यह कार्यक्रम रखा। विजय सिन्हा ने तो मकर संक्राति से एक दिन पहले बिना पूजा के ही दही चूड़ा भोज का कार्यक्रम रख दिया था।