बी कृष्णा
लोकतंत्र का उत्सव, लोकसभा चुनाव की शुरुआत इसी माह के 19 तारीख से होने वाली है| 7 चरणों में होने वाले इस चुनाव में देश के 97 करोड़ मतदाता मतदान करेंगे| इस चुनाव पर विश्व की भी नज़र है| सिर्फ नज़र ही नहीं है बल्कि अपने अपने तरीके से वे इस पर टिप्पणी भी करने लगे हैं| ऐसी ही एक टिप्पणी संयुक्त राष्ट्र ने भी की है और भारतीय के राजनीतिक एवं नागरिक अधिकारों की रक्षा की बात करते हुए ‘ FREE AND FAIR ELECTION’ की बात कही है | संयुक्त राष्ट्र के प्रवक्ता ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि भारत में लोगों के राजनीतिक और नागरिक अधिकारों’ की रक्षा की जाएगी. हर कोई स्वतंत्र और निष्पक्ष माहौल में मतदान करने में सक्षम होगा|
इसका करारा जवाब देते हुए विदेश मंत्री श्री एस जयशंकर ने कहा है कि हमें हमारे चुनावी अधिकारों के बारे में बताने के लिए संयुक्त राष्ट्र की जरूरत नहीं है| उन्होंने कहा – I don’t need UN to tell me our elections should be free and fair |जयशंकर ने चुनाव में स्वायत्तता पर जोर देते हुए संयुक्त राष्ट्र की न सिर्फ आलोचना की बल्कि उन्हें भारत के आंतरिक मामलों में दखल देने के लिए चेताया भी|सधे शब्दों में चेताते हुए उन्होंने कहा – हमें मत बताओ कि चुनाव कैसे हो| भारत के लोग यह सुनिश्चित करेंगे कि चुनाव ‘स्वतंत्र और निष्पक्ष होने चाहिए|
वर्ष 2024 में होने वाला लोकसभा चुनाव के लिए कहा जा रहा है कि यह चुनाव न सिर्फ कांग्रेस पार्टी के लिए बल्कि ताजा ताजा बने I .N.D .I .A गठबंधन के साथ साथ अन्य कुछ दलों के लिए भी ‘जय या क्षय’ का चुनाव है| अपने अपने तरीके से वे सभी सक्रिय हो गए हैं|
रोज रोज तेजी से बदलते घटना क्रम को देखते हुए यह सवाल उठना स्वाभाविक है कि लोकसभा का यह उत्सव निर्विघ्न समाप्त होगा क्या ?
आइये देश, काल की अनुकूलता लिए हुए, दशा से समर्थन प्राप्त करते हुए, गोचरीय ग्रहों के क्या संकेत है इसे क्रम से जानने की एक कोशिश करते हैं-
मेष राशि से मिथुन राशि तक गुरु का संचार भारतीय राजनीती के मद्देनज़र एक महत्वपूर्ण संचार होता है| गुरु अभी मेष राशि में है| 1 मई को यह वृषभ राशि में प्रवेश करेगा| 7 मई को शनि और राहु के बीच अंशात्मक नजदीकी बढ़ेगी और मेष राशि में शुक्र की नज़दीकी सूर्य के साथ बढ़ेगी| यह नज़दीकी चुनाव के दौरान हिंसक घटनाओं का होना एवं अराजक घटनाओं के घटित होने के लिए माकूल माहौल बना रहे हैं|
19 मई को शुक्र वृषभ राशि में प्रवेश करके सूर्य एवं गुरु के साथ हो जायेगा| गुरु और शुक्र का सम्बन्ध ज्योतिष के अनुसार रक्तपात एवं हिंसा को बढ़ानेवाला सम्बन्ध होता है| ठीक इसी समय शनि , मंगल और राहु का नज़दीक सम्बन्ध तो बनेगा ही साथ ही साथ केतु को छोड़कर अन्य सभी ग्रहों का भी इन्हे समर्थन प्राप्त हो जायेगा| शनि, राहु, मंगल का जब जब काल और दशा का समर्थन प्राप्त करके योग बना है और उसी समय गुरु, शुक्र की भी युति हो गयी है तो पूर्व में ऐसा योग हिंसक घटनाओं में वृद्धि करनेवाला साबित तो हुआ ही है, देश के भीतर आंतरिक ताकतों के साथ साथ बाह्य ताकतें भी देश को अस्थिर करने के काम में सक्रीय होती रही हैं|
देश, काल , दशा एवं ग्रहों के गोचर के आधार पर ग्रहों के द्वारा यह संकेत मिल रहा है की लोकसभा चुनाव के दौरान देश में अराजक एवं हिंसक घटनाओं के घटित होने के लिए अनुकूल भूमि की निर्मिति हो रही है| मतदान का – तीसरा चरण, पांचवा चरण, छठा चरण और सातवां चरण – इन घटनाओं को अंजाम देने के लिए अनुकूल भूमि प्रदान करने वाले साबित हो सकते हैं |
ग्रहों के आपसी सम्बन्ध को देखते हुए हम सब के लिए सचेत और सावधान होकर रहने की स्थिति है|
सतर्क रहे! सचेत रहे! जागरूक हों!
मतदान अवश्य करें, क्योंकि हमारा आपका एक मत देश की दिशा परिवर्तन करने वाला होगा|
(लेखिका ज्योतिषी, योग और आध्यात्मि चिंतक हैं)