2019 जैसी दिलचस्प नहीं है बेगूसराय की चुनावी लड़ाई

0
72
Spread the love

 वामपंथ को भगवा लहर से मिल रही कड़ी चुनौती

अभिजीत पांडे
बेगूसराय। बिहार के बेगूसराय लोकसभा सीट पर अबकी अलग तरह की लड़ाई है।किसी जमाने में ‘‘बिहार का लेनिनग्राद‘‘ कहे जाने वाले बेगूसराय में अब वामपंथियों को भगवा लहर से कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। बीजेपी ने बेगूसराय लोकसभा सीट से जहां केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह को फिर से मैदान में उतारा है वहीं इसबार उनका मुकाबला इंडिया गठबंधन के उम्मीदवार के रूप में भाकपा (सीपीआई) के पूर्व विधायक अवधेश राय से है।

इस संसदीय क्षेत्र में वैचारिक विचलन शायद सबसे अच्छी तरह से 2014 के चुनाव के दौरान देखा गया था, जब दिवंगत भोला सिंह ने भाकपा के विधायक के रूप में अपना राजनीतिक करियर शुरू करने के दशकों बाद भाजपा के टिकट पर यह सीट जीती थी। बाद में भाजपा ने यहां से ‘‘बाहरी’’ व्यक्ति माने जाने वाले गिरिराज सिंह को 2019 में चुनावी मैदान में उतारा, जिन्होंने स्थानीय होने के बावजूद कन्हैया कुमार को करारी मात दी थी।

बेगूसराय में इस बार की चुनावी लड़ाई उतनी दिलचस्प नहीं प्रतीत हो रही जितनी 2019 में थी क्योंकि तब कन्हैया कुमार के पक्ष में जावेद अख्तर, शबाना आज़मी, स्वरा भास्कर और प्रकाश राज जैसी कई मशहूर हस्तियों ने प्रचार किया था। इससे यह लोकसभा सीट काफी चर्चा में रही थी। लखीसराय जिले के बरहिया निवासी गिरिराज सिंह द्वारा बेगूसराय सीट का पांच साल प्रतिनिधित्व किए जाने के कारण अब उनके विरोधी उनपर ‘‘बाहरी व्यक्ति’’ होने का टैग नहीं लगा सकते लेकिन ऐसा माना जा रहा है कि इसबार बदला राजनीतिक समीकरण (वामदलों, राजद और कांग्रेस के साथ मिलकर चुनाव लड़ना) उनकी मुश्किलों को बढ़ा सकता है।

बिहार की सबसे मजबूत क्षेत्रीय पार्टी राजद के वामपंथियों के साथ तालमेल का परिणाम 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में भी दिखा, जब भाकपा (माले), माकपा और भाकपा के मिलकर चुनाव लड़ने से बेहतर प्रदर्शन देखने को मिला। पिछले बिहार विधानसभा चुनाव में भाकपा को बेगूसराय में दो सीटें मिली थीं जबकि राजद ने भी इतनी ही सीटें जीतीं, वहीं भाजपा-जदयू गठबंधन केवल तीन सीटें जीत सका था।

वर्ष 2014 में सिंह के भड़काऊ चुनावी भाषणों के कारण निर्वाचन आयोग ने उन पर 48 घंटे का प्रतिबंध लगा दिया था और पांच साल बाद एकबार फिर एक विशेष समुदाय को निशाना बनाने वाले उनके बयान के कारण भाजपा प्रत्याशी के खिलाफ आयोग के समक्ष शिकायत की गयी है।गिरिराज सिंह ने अपना नामांकन पत्र दाखिल करने के बाद दिए गए भाषण में कहा था, ‘‘हमें पाकिस्तान समर्थक गद्दारों के वोटों की आवश्यकता नहीं है।’’

भाकपा नेता शत्रुघ्न सिंह ने आयोग के समक्ष शिकायत दर्ज कराते हुए भाजपा नेता के भाषण में सांप्रदायिक पहलुओं को उजागर किया और दावा किया कि यदि केंद्रीय मंत्री के पास वास्तव में विश्वसनीय जानकारी है कि बेगूसराय में ‘‘पाकिस्तान समर्थक तत्व’’ हैं तो उन पर मुकदमा चलाया जाना चाहिए। वर्ष 2009 को छोड़कर इस सीट से हमेशा उच्च जाति भूमिहार से सांसद चुने गए हैं। 2009 में जदयू के मोनाजिर हसन बेगूसराय से सांसद बने थे।

अवधेश राय के नामांकन पत्र दाखिल करने के समय एकजुटता प्रदर्शित करने के लिए पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव भी उनके साथ थे। इस अवसर पर यादव ने ‘‘पिछले पांच वर्षों में हिंदू बनाम मुस्लिम के अलावा कुछ नहीं करने’’ के लिए गिरिराज सिंह पर निशाना साधा था। राजद नेता ने एक चुनावी रैली में मतदाताओं से यह भी कहा था, ‘‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की गारंटी पर भरोसा न करें।

ये लोग चीनी सामान की तरह हैं जिसकी कोई गारंटी नहीं होती है।’’ बता दें कि बेगूसराय में 21.86 लाख मतदाता हैं। इस सीट पर 13 मई को मतदान होगा।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here