राजद मे समर्पित कार्यकर्ताओं को नहीं मिलता सम्मान’: वृषिण पटेल
अभिजीत पांडे
पटना। एक के बाद एक बड़े नेता राजद से इस्तीफा दे रहे हैं। इस क्रम में अशफाक करीम के बाद वृषिण पटेल ने राजद से इस्तीफा देते हुए आरजेडी पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने इस्तीफा पत्र में लिखा, आरजेडी को समर्पित कार्यकर्ताओं की कोई जरूरत नहीं है। आरजेडी की सामाजिक न्याय और सांप्रदायिक सद्भाव में कोई आस्था नहीं। दुखित मन से आरजेडी के प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे रहा हूं।
उन्होंने कहा है कि पार्टी में कार्यकर्ताओं का कहीं भी मान सम्मान नहीं है और यही कारण है कि दुखी होकर मैं इस्तीफा दे रहा हूं। बृशिण पटेल ने प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह को लिखे पत्र में उन्होंने कहा है कि प्रिय जगदा बाबू मैंने महसूस किया है कि पार्टी को शीर्ष नेतृत्व को समर्पित कार्यकर्ता, पार्टी को सींचने वालों की कोई आवश्यकता नहीं है और नाही इस पार्टी को सामाजिक न्याय और सांप्रदायिक सद्भाव में कोई आस्था है।मैं बहुत दुखी मन से पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देता हूं।
आरजेडी को लोकसभा चुनाव से पहले झटके लग रहे हैं। उनके पुराने सिपहसलार साथ छोड़ रहे हैं। इससे पहले पूर्व राज्यसभा सांसद अशफाक करीम ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया। इतना ही नहीं उन्होंने लालू यादव पर मुसलमानों की हकमारी का आरोप भी लगाया है।
‘ लालू ने मुसलमानों का हक मारा’:- अहमद अशफाक करीम
राजद के पूर्व राज्यसभा सांसद अहमद अशफाक करीम ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से त्यागपत्र दे दिया। शुक्रवार की रात उन्होंने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद को पत्र लिखकर अल्पसंख्यको को सम्मानजनक हिस्सेदारी नहीं देने का आरोप लगाया। हालांकि उन्होंने लालू प्रसाद के स्वस्थ्य रहने की कामना भी की। मिली जानकारी के मुताबिक राज्यसभा और फिर कटिहार लोकसभा से राजद का टिकट नहीं मिलने से नाराज पूर्व सांसद करीम अब जदयू के करीब हैं। जल्द ही वे विधिवत जदयू में शामिल हो सकते हैं।
आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव को भेजे गए त्यागपत्र में अशफाक ने मुसलमानों की हकमारी की बात कही है। आबादी के हिसाब से सम्मानजनक हिस्सदारी नहीं दी गई है। अशफाक ने लिखा कि मैं आपकी पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से त्यागपत्र देता हूं। मैं आपकी पार्टी से सामाजिक न्याय को ताकत प्रदान करने हेतु जुड़ा था। आप जातीय जनगणना कराने का दावा करते थे। जिसकी जिनकी भारीदारी उसकी उतनी हिस्सेदारी का नारा देते थे।
लेकिन आपने मुसलमानों की हकमारी की है। उनकी आबादी के अनुरूप तो दूर सम्मानजनक हिस्सेदारी भी नहीं दी है। इसलिए इस परिस्थिति में राजद के साथ राजनीति करना मेरे लिए संभव नहीं है। मेरे इस त्यागपत्र को स्वीकार करें। मैं हमेशा आपके अच्छे स्वास्थ्य की कामना करता हूं।
जानकारी के मुताबिक अशफाक करीम टिकट न मिलने से नाराज थे। और करीम का कहना है कि अल्पसंख्यकों को पार्टी में उचित सम्मान नहीं मिला।
दरअसल अशफाक के कटिहार लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने की चर्चा थी। लेकिन महागठबंधन में हुए सीट बंटवारे में कटिहार कांग्रेस के खाते में चली गई। जहां से कांग्रेस ने तारिक अनवर को प्रत्याशी बनाया है। हालांकि लालू यादव ने अशफाक को निर्दलीय चुनाव लड़ने की सलाह दी थी। जिसे करीम ने ठुकरा दिया था। और पर्चा नहीं भरा था।
उधर अररिया लोकसभा सीट पर उम्मीदवारी को लेकर आरजेडी के फैसले में छोटे भाई शाहनवाज आलम को टिकट मिलने के बाद बड़े भाई और पूर्व सांसद सरफराज आलम बेहद नाराज हैं। जिस कारण अररिया लोकसभा सीट राष्ट्रीय जनता दल के लिए परेशानी का सबब बनती जा रही है।