अमित शाह ने कुंद किया तेजस्वी का सबसे बड़ा हथियार

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दीपक कुमार तिवारी

पटना। जातीय जनगणना को चुनावी मुद्दा बना कर घूम रहे नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव को गृहमंत्री अमित शाह ने करारा झटका दिया है। चुनौती के अंदाज में भाजपा और जदयू पर हमलावर रहे तेजस्वी यादव लगातार जिस जातीय जनगणना पर स्पष्टीकरण मांग रहे थे उसका जवाब बनकर अमित शाह ने भी बिहार की राजनीतिक बिसात पर अपनी चाल चलकर मुद्दा हथियाने के खेल को आगे बढ़ा दिया। जानते हैं अमित शाह ने ऐसा क्या कह दिया, जिससे राजद का खेल बिगड़ता दिखने लगा…।
आगामी विधान सभा चुनावों को ध्यान में रख कर भाजपा अब कोई चूक नहीं करना चाह रही है। जिस ढंग से तेजस्वी यादव जातीय जनगणना का श्रेय लेकर एनडीए के तमाम घटक दलों खासकर भाजपा पर आक्रमक रहे उसका जवाब देते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने साफ कहा कि पूरे भारत में जल्द ही जनगणना होने जा रही है। अब यह इंतजार बस खत्म ही होने वाला है। जातिगत जनगणना को लेकर शाह ने कहा कि जब भी हम जनगणना का ऐलान करेंगे, तब सभी जानकारियां सार्वजनिक कर दी जाएंगी। दरअसल, इससे पहले साल 2021 में जनगणना होना था, लेकिन कोरोना वायरस महामारी के चलते प्रक्रिया शुरू नहीं हो सकी थी। जनगणना का पहला चरण 1 अप्रैल 2020 को शुरू किया जाना था, लेकिन इसे कोरोना के कारण टालना पड़ा।
जनगणना की तैयारयां शुरू हो गई हैं और जल्द ही इसे लेकर ऐलान किया जाएगा। ‘जनगणना कराने पर काम पहले ही जारी है और इस संबंध में जल्द ही फैसला लिया जा सकता है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार केंद्र सरकार इसलिए भी जातीय जनगणना करना चाहती है कि अभी भी 2011 की जनगणना के आंकड़ों के आधार पर नीतियां बन रही है और सब्सिडी आवंटित हो रही हैं। चर्चा तो यह है कि यह पहली डिजिटल जनगणना होगी, जिसके जरिए नागरिकों को स्वयं गणना करने का अवसर मिलेगा। इसके लिए जनगणना प्राधिकरण ने एक स्व-गणना पोर्टल तैयार किया है, जिसे अभी लॉन्च नहीं किया गया है। स्व-गणना के दौरान आधार या मोबाइल नंबर अनिवार्य रूप से जुटाया जाएगा।
नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव जातीय जनगणना का श्रेय लेते हुए कहा कि सामाजिक न्याय के मसीहा राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने सबसे पहले जातीय जनगणना को लेकर आवाज उठाई थी।। जब वह जनता दल के अध्यक्ष थे तभी से जाति आधारित गणना हम लोगों की मांग रही है। उसी का परिणाम रहा कि जनता दल की संयुक्त मोर्चा सरकार ने 1996-97 में 2001 की जनगणना में जातिगत गणना कराने का निर्णय भी लिया था। परंतु 1999 में भाजपा के नेतृत्व में एनडीए की सरकार बनने पर उन्होंने वह निर्णय पलट दिया। यह वही सरकार थी जब राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार तब अटल बिहारी वाजपेयी कैबिनेट के सदस्य थे। और अब तो जबसे नेता प्रतिपक्ष बिहार विधान सभा के चुनावी मूड में आ गए हैं तब से विशेष तौर पर पीएम नरेंद्र मोदी और राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर जनगणना को लेकर आक्रामक रहे। एक जनसभा में तेजस्वी यादव ने कहा कि मोदी जी, देख लेना हम आपको जातिगत जनगणना कराने पर मजबूर कर देंगे।
जातीय जनगणना को लेकर तेजस्वी यादव राज्य के सीएम नीतीश कुमार पर हमलावर रहते हुए तेजस्वी ने कहा कि भाजपा के प्रभाव में आकर जातीय जनगणना पर अब चुप हैं। हालांकि नीतीश कुमार पर लगे आरोप पर जदयू के प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि नीतीश जी ने तो जातीय जनगणना करा डाला। आपने हर सामर्थ्य है तो गैर भाजपा शासित राज्यों में तो जातीय गणना करा कर दिखाएं। तेजस्वी बताएं कि कर्नाटक ने क्यों जातीय सर्वे को छुपा कर बैठी है? सामर्थ्य है तो दिल्ली और पंजाब में तो जातीय जनगणना करा कर दिखाएं।

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