द न्यूज 15
नई दिल्ली।आपको ‘एयरलिफ्ट’ फिल्म याद ही होगी। इसमें युद्ध का सामना कर रहे कुवैत से हजारों भारतीयों को बचाकर स्वदेश लाया गया था। कुछ इसी तरह युद्ध से जूझ रहे यूक्रेन से 20 हजार से ज्यादा भारतीय छात्र और नागरिक बचाए गए हैं। लोगों की चुनौतियां और बचाव दल का साहस इस फिल्म से कई गुना रोमांचक है। एक फिल्मी पटकथा की तरह ‘ऑपरेशन गंगा’ में देशभक्ति, बहादुरी, पराक्रम, कौशल और रणनीति सबकुछ है। यह अभियान कितना खतरों से भरा था, इसकी पूरी कहानी पहली बार ‘हिन्दुस्तान’ आपके सामने लाया है।
एयर इंडिया और वायुसेना के विमानों ने 87 से ज्यादा उड़ानें भरीं, 300 से ज्यादा घंटे लगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने युद्धग्रस्त राष्ट्रों के राष्ट्राध्यक्षों से पांच बार सीधी बात की। चार केंद्रीय मंत्री पोलैंड, स्लोवाकिया, हंगरी और रोमानिया में डेरा जमाए रहे।
अपनों को बचाने के लिए भारतीय अधिकारी बमबारी के बीच युद्धग्रस्त क्षेत्रों में गए। तब कहीं जाकर वहां फंसे नागरिकों की सुरक्षित स्वदेश वापसी कराई जा सकी। पूरे ऑपरेशन के जानकार सूत्रों ने बताया,सुमी में भारतीय छात्र जब सड़क मार्ग से सीमा की ओर जा रहे थे, तब दूसरी ओर रूसी सैनिकों का काफिला बिल्कुल करीब से निकल रहा था। कभी भी काफिले पर गोली चल सकती थी। लेकिन, मोदी ने रूस-यूक्रेन से सीधी बात कर नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने को कहा। यह पहली बार था जब युद्धग्रस्त देश में शहरों के अंदर जाकर अभियान चलाया गया।