बुद्ध और धम्म के बिना अम्बेडकर अधूरे : प्रो राजेश रंजन

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 राम विलास
राजगीर। सोमवार को नव नालन्दा महाविहार सम विश्वविद्यालय, नालंदा में बाबा साहेब डाॅ भीमराव अम्बेडकर जयंती समारोह का आयोजन सत्तपर्णी सभागार में किया गया है। कार्यक्रम का संयोजन बौद्ध अध्ययन विभाग द्वारा किया गया है। इस अवसर पर कुलपति प्रो राजेश रंजन एवं अन्य के द्वारा भारतरत्न बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर को श्रद्धासुमन अर्पित कर बुद्ध वंदना की गयी।

 

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो राजेश रंजन ने कहा कि बुद्ध व धम्म के बिना अंबेडकर का जीवन अधूरा है। उन्होंने छात्र-छात्राओं से बुद्ध व धम्म पुस्तक को पढ़ने की अपील की है, जिससे छात्र-छात्राएँ उनके विभिन्न शिक्षाओं से अवगत होंगे।

बाबा साहब के जीवन के विभिन्न आयामों पर प्रकाश वक्ताओं द्वारा डाला गया। बौद्ध अध्ययन विभागाध्यक्ष डाॅ मुकेश कुमार वर्मा ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि बुद्ध के नैतिक व दार्शनिक पहलुओं का प्रभाव अंबेडकर पर दिखता है।

प्रो श्रीकांत सिंह ने उनके जीवन के चुनौतियों को इंगित करते हुए कहा कि ऐसे परिस्थितयों में संघर्ष कर इस मुकाम तक पहुंचना यह सिर्फ अंबेडकर से ही संभव था। इस अवसर पर प्रो दीपांकर लामा, प्रो राणा पुरूषोत्तम सिंह, डाॅ पी.के दास, डाॅ सोनम लामों, मोनिका राज व संजू लामा ने भी विचार व्यक्त किया।

कार्यक्रम का संचालन शोधछात्र अंकित द्विवेदी और धन्यवाद ज्ञापन डाॅ जितेंद्र कुमार ने किया है। कार्यक्रम में महाविहार के शिक्षक, शोधछात्र व कमर्चारी उपस्थित रहे।

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