द न्यूज 15
जगदलपुर। जो लोग नक्सलवाद पर एकतरफा बात करते हैं। झूठी मुठभेड़ मामले को राजनीति से जोड़ते हैं। कम से कम वे लोग इस रिपोर्ट को जरूर पढ़ लें। कैसे पुलिस और सेना के हाथों नक्सलियों के नाम पर निर्दोष युवक मारे जाते हैं। छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले में महज सप्ताह भर पहले हुई पुलिस-नक्सली मुठभेड़ में मारे गए जिस युवक को पहले नक्सली बताया जा रहा था, वो निर्दोष ग्रामीण निकला। इस बात का खुलासा खुद बस्तर के आईजी सुंदरराज पी ने किया है। आईजी ने बताया कि, 24-25 जनवरी की रात करीब 1 बजे नक्सलियों के साथ जवानों की मुठभेड़ हुई थी। वहीं क्रॉस फायरिंग में युवक को गोली लगी। घटना स्थल की सर्चिंग के दौरान युवक मानूराम नुरेटी का शव और भरमार बंदूक बरामद किया गया था। जिसकी प्रारंभिक तौर पर नक्सली के रूप में शिनाख्त हुई थी, लेकिन, जब मामले की जांच की गई तो पता चला कि युवक गांव का ही एक ग्रामीण है। जो अपने अन्य दो साथियों के साथ रात में भरमार बंदूक लेकर जंगल में शिकार के लिए गया हुआ था। आईजी ने कहा कि, क्रॉस फायरिंग में जब मानुराम को गोली लगी तो उसके साथ में जो अन्य दो लोग थे वे भाग गए थे। जिस युवक की मौत हुई है वो गोटिया गांव का निवासी है। लेकिन वो कुछ दिन पहले से ही भारंड़ा गांव में रहने लगा था। आईजी ने बताया कि, इस मामले में अब तक जितनी भी जांच पड़ताल की गई है उसमें युवक का किसी भी तरह से कोई भी नक्सल मामले में प्रकरण सामने नहीं आया है। वो केवल शिकार के लिए ही जंगल गए थे।
पुलिस में भर्ती होने के लिए भरा था फॉर्म : इससे पहले जनचौक ने पहले ही रिपोर्ट किया था कि मृतक मानूराम नुरेटी पुलिस में भर्ती होना चाहता था। बस्तर फाइटर्स फोर्स में भर्ती होने के लिए उसने फॉर्म भी भरा था। जिसकी पावती भी परिजनों के पास है। साथ ही रोजाना पुलिस भर्ती के लिए फिजिकल प्रैक्टिस भी करता था। मृतक का बड़ा भाई रैनूराम नुरेटी DRG में जवान है। रैनूराम पहले नक्सली था, लेकिन साल 2011 में सरेंडर कर फोर्स में भर्ती हो गया।
2 दिन पहले भाजपा ने बनाई थी जांच समिति : इस मुठभेड़ मामले की जांच के लिए 2 दिन पहले ही भाजपा ने भी पूर्व मंत्री केदार कश्यप की अध्यक्षता में 6 सदस्यीय जांच समिति बनाई थी। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने इस समिति में भाजपा के प्रदेश महामंत्री किरणदेव, भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष विकास मरकाम, पूर्व विधायक राजाराम तोड़ेम, भाजपा नारायणपुर के जिलाध्यक्ष बृजमोहन अग्रवाल और पूर्व जिलाध्यक्ष रूपसाय सलाम को भी शामिल किया था। मारे गए युवक के दोस्तों ने कहा कि, रात में हम मुर्गी और चिड़िया का शिकार करने के लिए जंगल में गए हुए थे। एक मुर्गी को मारे भी। जिसे टॉर्च से ढूंढ रहे थे। ढूंढते हुए सड़क की तरफ चले गए। इसी बीच गस्त में निकले पुलिस जवानों ने हम पर गोली चला दी। गोली लगने से मानूराम नुरेटी की जान चली गई।
मानूराम के दोस्त अर्जुन और बेदुराम ने बताया कि गोली लगने के बाद हम डर गए और वहां से भागकर गांव आ गए थे। पुलिस ने मानूराम नुरेटी को मारने के बाद उसे वर्दी भी पहनाई। इसके अलावा कहीं से टिफिन बम भी लाकर रख दिए थे। युवकों ने कहा कि, मानूराम नक्सली नहीं था। न ही उसका नक्सल संगठन से कोई संबंध था। गांव के सभी दोस्त मिलकर सप्ताह में एक दिन शिकार के लिए निकलते थे। उस रात भी शिकार के लिए जंगल गए हुए थे। युवकों ने कहा कि हमारी गलती थी कि हम मुर्गी को ढूंढने के लिए सड़क तक पहुंच गए थे। और पुलिस ने गोली मार दी।
पुलिस के जवान ही दे रहे थे मानूराम को ट्रेनिंग : गांव के एक अन्य युवक बिरसाए पोटाई ने बताया कि मानूराम के साथ हम लोग नारायणपुर के मैदान में पुलिस भर्ती के लिए ट्रेनिंग में जाते थे। पुलिस वाले खुद ही ट्रेनिंग देते थे। हर दिन सुबह 6 से 8 बजे तक ट्रेनिंग चलती थी। बस्तर फाइटर्स में भर्ती के लिए उसने फॉर्म भी भरा था। मानूराम का भरंडा में खेत है। वो खेती किसानी का काम भी करता था। कभी-कभी यहीं गांव में ही रुक जाया करता था। उसका भाई भी DRG में जवान है।
पुलिस ने शव के साथ हथियार और बम भी किया था बरामद : इस घटना के बाद पुलिस ने बताया था कि रात में करीब 15 मिनट तक मुठभेड़ चली थी। मुठभेड़ में नक्सली के शव के साथ भरमार बंदूक और टिफिन बम समेत तार भी बरामद किया गया था। लेकिन, अब जब पुलिस ने युवक को निर्दोष ग्रामीण बताया है तो आखिर टिफिन बम, तार समेत अन्य सामान कहां से बरामद किए गए हैं? इस पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। हालांकि पुलिस की तरफ से इस संबंध में कोई बयान सामने नहीं आया है।
आईजी ने बताया मुठभेड़ में क्रॉस फायरिंग में मारा गया था युवक : बस्तर के आईजी सुंदरराज पी ने कहा कि 24-25 जनवरी की रात करीब 1 बजे नक्सलियों के साथ जवानों की मुठभेड़ हुई थी। वहीं क्रॉस फायरिंग में युवक को गोली लगी थी। घटना स्थल की सर्चिंग के दौरान युवक मानूराम नुरेटी का शव और भरमार बंदूक बरामद किया गया था। जिसकी प्रारंभिक तौर पर नक्सली के रूप में शिनाख्त हुई थी। लेकिन, जब मामले की जांच की गई तो पता चला युवक गांव का ही एक ग्रामीण है। (जनचौक से आभार)