गंगा घाट पर मौज ले रहा था रसेल वाइपर का जोड़ा!

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 भागलपुर में स्नान करने पहुंचे लोगों में हड़कंप

दीपक तिवारी

पटना/भागलपुर। गंगा घाट पर जब लोग स्नान करने पहुंचे तो वहां पर दो रसेल वाइपर सांप मौज ले रहे थे। वैसे भी इन दिनों जहरीले सांपों का खौफ भागलपुर में लोगों के सिर चढ़कर बोल रहा है। आए दिन घरों में सांप घुसने और लोगों को काटने की घटनाएं सामने आ रही हैं। सांपों के काटने से मौतों की खबरें भी डर पैदा कर रही हैं। सबसे ज्यादा खौफ एशिया के सबसे जहरीले सांप रसेल वाइपर का है, जो इन दिनों भागलपुर में अक्सर दिखाई दे रहा है। वन विभाग लगातार रसेल वाइपर को पकड़कर जंगल में छोड़ रही है।
कभी किसी के घर से तो कभी गर्ल्स हॉस्टल की टंकी से, रसेल वाइपर को रेस्क्यू करने की खबरें आती रहती हैं। ताजा मामला भागलपुर के बरारी स्थित गंगा घाट का है, जहां दो रसेल वाइपर को देखकर गंगा स्नान कर रहे श्रद्धालुओं में भगदड़ मच गई। दरअसल, इन दिनों गंगा का जलस्तर बढ़ा हुआ है और बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। तेज पानी के साथ कई खतरनाक जीव-जंतु भी बहकर आ रहे हैं, जो लोगों के लिए खतरा बन सकते हैं।
भागलपुर के गंगा घाट पर भी ऐसा ही नजारा देखने को मिला। नमामि गंगे योजना के तहत ज्यादातर घाटों पर रिवर फ्रंट का काम चल रहा है। रविवार को भी लोग रिवर फ्रंट के पास बनी सीढ़ियों पर लोग गंगा स्नान और पूजा-पाठ कर रहे थे, तभी पानी के तेज बहाव में दो रसेल वाइपर बहते हुए घाट किनारे आ गए। सांपों को देखते ही वहां अफरा-तफरी मच गई।लोगों ने तुरंत वन विभाग को सूचना दी। सूचना मिलते ही वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और दोनों विशालकाय सांपों को रेस्क्यू कर अपने साथ ले गई। इस पूरी घटना का वीडियो भी लोगों ने अपने मोबाइल में कैद कर लिया। वीडियो में लोग एक-दूसरे को सांपों से बचने की सलाह देते हुए साफ सुने जा सकते हैं। कुछ लोग इन्हें अजगर बता रहे हैं, तो कुछ लोग रसेल वाइपर बता रहे हैं।वीडियो में एक व्यक्ति कह रहा है, ‘यह रसेल वाइपर है, इसके काटने से इंसान का बचना मुश्किल है।’ रसेल वाइपर दिखने में अजगर जैसा होता है, लेकिन इसका रंग अलग होता है। यह बहुत ही जहरीला सांप होता है। अगर यह किसी को काट ले, तो इसका जहर बहुत तेजी से फैलता है और शरीर के अंग काम करना बंद कर देते हैं। कई बार तो पीड़ित को अस्पताल पहुंचने तक का भी मौका नहीं मिल पाता।रसेल वाइपर के काटने के बाद सबसे पहले काटने वाली जगह पर तेज दर्द और सूजन शुरू होती है। इसके बाद मसूड़ों, पेशाब और थूक में खून आने लगता है। रक्तचाप गिर जाता है और दिल की धड़कन कम होने लगती है। काटने की जगह पर छाले पड़ जाते हैं, जो गंभीर मामलों में पूरे शरीर में फैल जाते हैं।ये पहली बार नहीं है, जब भागलपुर में रसेल वाइपर सांप मिले हैं। 6 अगस्त को भी लालबाग स्थित पीजी गर्ल्स हॉस्टल से वन विभाग ने 42 रसेल वाइपर सांपों को रेस्क्यू किया था। हैरानी की बात ये है कि ये सभी सांप हॉस्टल की एक ही टंकी में मिले थे। दरअसल, रसेल वाइपर सांप अंडे नहीं देते, बल्कि बच्चे देते हैं।भागलपुर वन विभाग के मुताबिक, जून से अगस्त के पहले हफ्ते तक 160 से ज्यादा सांपों को रेस्क्यू किया जा चुका है। इनमें से ज्यादातर सांपों को शहर के अलग-अलग इलाकों से पकड़ा गया है। इनमें रसेल वाइपर जैसे जहरीले सांप भी शामिल हैं। वन विभाग ने लोगों से अपील की है कि अगर वे कहीं भी सांप देखें, तो उसे खुद पकड़ने की कोशिश न करें। तुरंत वन विभाग को सूचित करें।वन विभाग का कहना है कि अगर किसी को सांप काट ले, तो उसे तुरंत नजदीकी अस्पताल ले जाना चाहिए। झाड़-फूंक के चक्कर में बिल्कुल न पड़ें। समय पर इलाज मिलने पर सांप के काटे का इलाज संभव है।

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