
शुभम खामरा और उसके चार साथियों को भोपाल में कृपाराम राजपूत की हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया गया। यह घटना तब हुई जब शराब के नशे में शुभम और उसके साथियों ने कृपाराम पर लाठी-डंडों से हमला किया, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 103(1) के तहत मामला दर्ज किया है और शुभम के पिछले आपराधिक रिकॉर्ड की जांच कर रही है। इस घटना ने आदेश खामरा की कुख्याति को फिर से चर्चा में ला दिया है, जिसने अपने बयान में दावा किया था कि वह ट्रक ड्राइवरों को उनके “दर्द और पीड़ा” से मुक्ति देना चाहता था।
यह मामला अपराध की गहरी जड़ों और एक सीरियल किलर की विरासत को लेकर सवाल उठाता है। क्या शुभम अपने पिता के नक्शेकदम पर चल रहा है, यह जांच का विषय है। पुलिस पूछताछ जारी रखे हुए है, और आगे की कार्रवाई सबूतों के आधार पर होगी।