नई दिल्ली| सरकार ने मंगलवार को लोकसभा में कहा कि देश में साइबर और अन्य अपराधों में काफी कमी आई है और हाल ही में राष्ट्रीय जांच एजेंसी(एनआईए) को पर्याप्त बुनियादी ढांचा मुहैया कराया गया है। एक सवाल के जवाब में, गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने बताया कि एनआईए द्वारा उठाए गए प्रभावी उपायों के साथ, आंतरिक और साइबर अपराध अब शून्य हो गए हैं।
वर्ष 2013 में चार आतंकी घटनाएं हुईं, जिनमें 23 लोग मारे गए और सौ से अधिक घायल हुए, मंत्री ने कहा, तब से देश इन स्थानों पर कोई आतंकी घटना नहीं हुई है।
राय ने आगे कहा, “2010 में, कुल 95 जिले वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित थे, जो 2020 में घटकर 53 जिले रह गए और 2021 में इन 53 जिलों में 23 प्रतिशत की गिरावट आई है।”
उन्होंने यह भी कहा कि गृह मंत्रालय में एक विशेष वामपंथी उग्रवाद प्रकोष्ठ का गठन किया गया है।
मंत्री ने यह भी कहा कि एनआईए को पर्याप्त बुनियादी ढांचा सहायता प्रदान की गई है और संशोधित एनआईए अधिनियम के तहत, अब एक व्यक्ति को भी आतंकवादी घोषित किया जा सकता है और केंद्रीय जांच एजेंसी आतंकी लिंक की जांच के लिए विदेश जा सकती है।
सरकार द्वारा साइबर अपराधों को बहुत गंभीरता से लेने का उल्लेख करते हुए राय ने कहा कि एनआईए में आईटी पेशेवरों को नियुक्त किया गया है और इसकी सक्रिय और प्रभावी जांच के साथ, भारत में साइबर अपराधों में उल्लेखनीय गिरावट आई है। उन्होंने कहा कि अब एनआईए के देश में 12 स्थानों पर शाखा कार्यालय हैं।
मंत्री ने यह भी कहा कि एनआईए अधिनियम 2020 में संशोधित प्रावधानों के तहत, एनआईए डीजी को आरोपी की संपत्ति को जब्त करने की शक्ति दी गई है और मामलों के त्वरित जांच के लिए विशेष अदालतों को नामित किया गया है।
पहले, एनआईए अधिनियम के तहत केवल एक संगठन को आतंकवादी संगठन घोषित किया गया था, लेकिन अब एक व्यक्ति को भी आतंकवादी के रूप में नामित किया जा सकता है।