भवेश कुमार
पटना। नए आपराधिक कानूनों की प्रमुख विशेषताओं के बारे में जानकारी देने के लिए एक जुलाई को बिहार के प्रत्येक थाने में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। संबंधित थानाध्यक्ष स्थानीय नागरिकों को आमंत्रित कर उन्हें नये आपराधिक कानूनों की जानकारी देंगे। इस दौरान थाने में आमंत्रित नागरिकों को महिला पुलिस अधिकारी विशेष रूप से महिलाओं और बच्चों से संबंधित प्रमुख प्रावधानों से अवगत कराएंगी।
बिहार पुलिस और राज्य सरकार की अन्य संबंधित शाखाओं ने एक जुलाई को पूरे देश में प्रभावी होने वाले तीन नए आपराधिक कानूनों को लागू करने के लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं। तीन नये कानून- भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस), भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम एक जुलाई से लागू होंगे।
राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार ने पिछले साल अगस्त में संसद में भारतीय न्याय संहिता विधेयक 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता विधेयक 2023 और भारतीय साक्ष्य विधेयक 2023 पेश किए थे, जो मौजूदा भारतीय अपराध संहिता (आईपीसी), दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम की जगह लेंगे।
बिहार पुलिस ने नये आपराधिक कानून के अंतर्गत किये गये बड़े बदलाव के संबंध में थानों को एक पुस्तिका उपलब्ध कराई है, जिसे थानाध्यक्ष आमंत्रित नागरिकों को भी उपलब्ध कराएंगे। बिहार पुलिस की ओर से जारी एक बयान के अनुसार, ‘नयी प्रणाली का सफल कार्यान्वयन और निर्बाध परिवर्तन सुनिश्चित करने के लिए व्यापक तैयारी की गई है।’
राज्य सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘पुलिस के अलावा, राज्य भर के जेल, फॉरेंसिक, न्यायिक और अभियोजन अधिकारियों को भी नए आपराधिक कानूनों के बारे में प्रशिक्षित किया गया है। करीब 1430 थानाध्यक्षों को एक जुलाई को अपने संबंधित थानों में स्थानीय लोगों और पुलिस के लिए जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करने का निर्देश दिया गया है।’