न्यूज़ फिफ्टीन ब्यूरो
रांची। ईडी ने झारखंड के ग्रामीण विकास मंत्री और सीनियर कांग्रेस नेता आलमगीर को गिरफ्तार कर लिया है। मंत्री से रांची स्थिति ईडी कार्यालय में आज सुबह से ही पूछताछ चल रही थी। मंत्री के जवाब से संतुष्ट नहीं होने पर ईडी ने उन्हें 10 घंटे से ज्यादा चली पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया।
मंत्री के निजी सचिव संजीव लाल और उनके नौकर जहांगीर आलम को ईडी पहले ही गिरफ्तारी कर चुकी है। अभी हाल में जहांगीर आलम के घर पर करोड़ों रुपये कैश बरामद किए गए थे। इसी मामले में मंत्री को पूछताछ के लिए बुलाया गया था।
इससे पहले झारखंड के मंत्री और कांग्रेस नेता आलमगीर आलम मनी लांड्रिंग मामले में पूछताछ के लिए मंगलवार को ईडी के सामने पेश हुए थे। ईडी अधिकारियों ने उनसे नौ घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की थी। राज्य के ग्रामीण विकास मंत्री आलम को रात में ईडी ने घर जाने दिया था लेकिन आज उन्हें फिर से पूछताछ के लिए बुलाया गया था।
ईडी ने पिछले सप्ताह आलमगीर आलम के निजी सचिव और राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी संजीव कुमार लाल और घरेलू सहायक जहांगीर आलम को उनसे जुड़े एक फ्लैट से 35 करोड़ रुपये से अधिक नकदी जब्त करने के बाद गिरफ्तार किया था। बेहिसाब नकदी को गिनने के लिए कई गिनती मशीनें लाई गईं थी। इसके अलावा जहांगीर आलम के फ्लैट से कुछ आभूषण भी बरामद किए थे। आरोप है कि ग्रामीण इलाको में सड़क निर्माण के टेंडर की एवज में कमीशनखोरी का ये सारा पैसा था।
क्या है पूरा मामला
मनी लांड्रिंग की जांच राज्य के ग्रामीण विकास विभाग में कथित अनियमितताओं से संबंधित है। 70 वर्षीय कांग्रेस नेता आलमगीर आलम झारखंड में ग्रामीण विकास मंत्री हैं और राज्य विधानसभा में पाकुड़ सीट का प्रतिनिधित्व करते हैं। यह छापेमारी झारखंड ग्रामीण विकास विभाग के पूर्व मुख्य अभियंता वीरेंद्र के राम के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले में चल रही जांच के सिलसिले में की गई। जिन्हें पिछले साल गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद जांच का दायरा बढ़ता गया।
इससे पहले झारखंड के मंत्री और कांग्रेस नेता आलमगीर आलम मनी लांड्रिंग मामले में पूछताछ के लिए मंगलवार को ईडी के सामने पेश हुए थे। ईडी अधिकारियों ने उनसे नौ घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की थी। राज्य के ग्रामीण विकास मंत्री आलम को रात में ईडी ने घर जाने दिया था लेकिन आज उन्हें फिर से पूछताछ के लिए बुलाया गया था।
ईडी ने पिछले सप्ताह आलमगीर आलम के निजी सचिव और राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी संजीव कुमार लाल (52) और घरेलू सहायक जहांगीर आलम (42) को उनसे जुड़े एक फ्लैट से 35 करोड़ रुपये से अधिक नकदी जब्त करने के बाद गिरफ्तार किया था। बेहिसाब नकदी को गिनने के लिए कई गिनती मशीनें लाई गईं थी। इसके अलावा जहांगीर आलम के फ्लैट से कुछ आभूषण भी बरामद किए थे। आरोप है कि ग्रामीण इलाको में सड़क निर्माण के टेंडर की एवज में कमीशनखोरी का ये सारा पैसा था।