बिना भूमि-भवन वाले स्कूल दूसरे स्कूल में होंगे विलय

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 शहर के दो स्कूल को नहीं है अपना भूमि-भवन

राम विलास
राजगीर। बिना भूमि और भवन वाले शहर के एक मिडिल स्कूल और एक प्राइमरी स्कूल को किसी भी दिन नजदीक के स्कूल में समाहित किया जा सकता है। निदेशालय द्वारा बार बार जिला शिक्षा पदाधिकारी से वैसे विद्यालयों की सूची मांगी जा रही है, जिनके पास खुद का भूमि और भवन नहीं है। सरकारी निर्णय के अनुसार वैसे विद्यालयों को नजदीक के स्कूल में मर्ज कर दिया जायेगा।

सूत्रों के अनुसार शहर के मिडिल स्कूल बाजार को स्थापना के 55 साल बाद भी स्कूल के नाम न जमीन है और न भवन। यही हाल प्राथमिक विद्यालय अशोक नगर की है।मिडिल स्कूल बाजार फिलहाल प्रखण्ड कार्यालय के पुरानी बिल्डिंग में चल रहा है। वहीं प्राथमिक विद्यालय, अशोक नगर, आरडीएच प्लस टू स्कूल के मीनी स्टेडियम के छोटे छोटे दो कमरों में।

इस स्कूल के शिक्षकों के अनुसार प्राथमिक विद्यालय को अपना भवन था। लेकिन कुछ स्थानीय लोगों को यह स्कूल भवन रास नहीं आया। फलस्वरूप उनकी चपलता के कारण हाईकोर्ट के निर्देश पर जिला प्रशासन द्वारा स्कूल बिल्डिंग को ध्वस्त कर दिया गया। तब से यह स्कूल कभी यहां तो कभी वहां संचालित हो रहा है। शहर का मिडिल स्कूल बाजार बहुत पुरानी स्कूल है।

इसकी स्थापना 1969 ई. में हुई है। जानकार बताते हैं कि बदकिस्मती से यह स्कूल स्थापना काल से ही किराये के भवन में संचालित हो रहा है। किसी विधायक, सांसद एवं अन्य जनप्रतिनिधियों द्वारा इस स्कूल को भूमि- भवन के लिए कभी प्रयास नहीं किया गया है। नालंदा बिहार को तीन शिक्षा मंत्री भी दिया है। उनके कार्यकाल भी इस स्कूल के दुर्दिन दूर नहीं हुए हैं।

चंडी के डाॅ रामराज सिंह, हरिनारायण सिंह के अलावे राजगीर के सुरेन्द्र प्रसाद तरुण शिक्षा मंत्री रह चुके हैं। स्थापना के साढे़ पांच दसक बाद भी स्कूल को अपना भवन नहीं होना समाज और जनप्रतिनिधियों के लिए कलंक से कम नहीं प्रतीत होता है। शहरवासियों के अनुसार 1969 ईस्वी में मिडिल स्कूल बाजार की स्थापना हुई है। इस स्कूल को तब से अब तक अपना भूमि और भवन नहीं है।

आर्य समाज मंदिर में इस स्कूल का शुभारंभ किया गया था। स्थापना के चार साल बाद ही यह स्कूल बड़ीसंगत ठाकुरबारी में चला गया था। 2019 तक यह स्कूल बड़ीसंगत ठाकुरबारी में किराए पर संचालित होता रहा। डीएम योगेन्द्र सिंह की पहल से अगस्त 2019 से यह स्कूल, आदर्श मिडिल स्कूल, राजगीर के भवन में सिफ्ट कर दिया गया। पहले शिफ्ट में  आदर्श मिडिल स्कूल की  लड़कियां  तो दूसरे शिफ्ट में  मिडिल स्कूल बाजार के बच्चे  पढ़ाई करते थे।

मार्च 20 21 तक यह स्कूल आदर्श मिडिल स्कूल में संचालित किया गया। बाद में एक अप्रैल 2021 को स्थानीय लोगों के पहल से इस विद्यालय को प्रखंड कार्यालय की पुरानी बिल्डिंग में सिफ्ट किया गया है। तब से यह स्कूल उसी भवन में संचालित हो रहा है। अब प्रखण्ड कार्यालय परिसर में एक ही जगह दो स्कूल  हो गया है। प्रखण्ड कार्यालय परिसर में पहले से ही प्राथमिक विद्यालय संचालित है। उसके बगल के बिल्डिंग में ही मिडिल स्कूल बाजार को अस्थायी तौर पर शिफ्ट किया गया है।

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