संवाददाता, राम विलास
राजगीर। पर्यटक शहर राजगीर में इन दिनों फर्जी जमीन मालिक बनकर जमीन बेचने का काम बेखौफ किया जा रहा है। रजिस्ट्री होने के बाद अंचल कार्यालय द्वारा वैसे जमीन की बिना जांच पड़ताल के ही दाखिल खारिज भी की जा रही है। इतना ही नहीं उस जमीन की मालगुजारी रसीद भी कर्मचारी द्वारा काटा जा रहा है। ऐसा मामला राजगीर शहर के पंडितपुर मौज में उजागर हुआ है।
पंडितपुर में ऐसी घटना पहले भी हो चुकी है। रेलवे के एक इंजीनियर और अनुमंडलीय अस्पताल के एक चिकित्सक एवं अन्य की जमीन को भी फर्जी भू स्वामी द्वारा रजिस्ट्री किया जा चुका है। पंडितपुर के जमीन मालिक मनोज कुमार और अंजनी कुमार ( दोनों भाई) की 10.50 डिसमिल जमीन बेचने का मामला सामने आया है।
उन्होंने बताया कि पिता शशिभूषण शरण सिंह के नाम 10.50 डिसमिल जमीन राजगीर- बिहारशरीफ मुख्य पथ में होटल आयुष्मान के पास है। रिटायर शिक्षक शशिभूषण शरण सिंह की मृत्यु 2011 में हो गयी है। मृत्यु के पहले उनका आधार कार्ड नहीं बना था, क्योंकि उस समय आधार कार्ड नहीं बनता था।
वे बताते हैं कि कथित भू-स्वामी बनाकर किसी शशि भूषण शरण सिंह, उम्र 51 वर्ष, पिता स्वर्गीय नंदकिशोर सिंह, मौज पंडितपुर, थाना राजगीर, जिला नालंदा, पेशा खेती (आधार संख्या 7375 4571 6758) द्वारा रामचंद्र प्रसाद, पिता राम विलास प्रसाद, साकिन मौज वीर कुंवर सिंह कॉलोनी, कलेर रोड संख्या – 11, थाना मगध मेडिकल कॉलेज, गया, जिला गया के नाम जमीन की रजिस्ट्री 02 मार्च 2021 को किया गया है।
विजय प्रसाद, पिता गोविन्द राम, बड़ी मिल्की, राजगीर ( आधार संख्या 9184 3623 3323) इस रजिस्ट्री के गवाह हैं। मनोज कुमार ने बताया कि रामचन्द्र प्रसाद को जब पता चला कि जमीन खरीदने में उनके साथ धोखाधड़ी हुई है. तब वह भी जमीन बेचने के लिए ब्रोकर का सहारा लिया। ब्रोकर जमीन दिखाने के लिए प्लौट पर गया। तब सभी भेद खुलकर सामने आ गया।
उन्होंने बताया कि इस मामले की शिकायत प्रमंडलीय आयुक्त, पटना और जिला पदाधिकारी, नालंदा से की गयी है। उनसे रजिस्ट्री कैंसिल कराने और दाखिल खारिज रद्द कराने की मांग की गयी है। मनोज कुमार के अनुसार रामचंद्र प्रसाद द्वारा उक्त जमीन की दाखिल खारिज के लिए अंचल कार्यालय, राजगीर में आवेदन दिया गया था, जिसे 12 जून 2021 और 28 जुलाई 2021 को रिजेक्ट कर दिया गया था।
लेकिन 30 सितंबर 2021 को दाखिल खारिज कर दिया गया है। उस जमीन की दाखिल खारिज रामचंद्र प्रसाद के नाम से 30 सितंबर 2021, शिवमणि कुमार के नाम से 26 नवंबर 2021 और विद्यार्थी विकास के नाम से 27 दिसंबर 2021 को किया गया है, जिसका दाखिल खारिज बाद संख्या 664,1661, 2932, 3617 और 40 69 है।
भू-स्वामी मनोज कुमार और अंजनी कुमार के अनुसार शशिभूषण शरण सिंह के मृत्यु के करीब 10 साल बाद फर्जी शशिभूषण शरण सिंह बनकर किसी व्यक्ति द्वारा अपना फोटो चस्पा कर षड्यंत्र करते हुए उनकी जमीन को रामचन्द्र प्रसाद को बेच दिया गया है।