चरण सिंह
उत्तर प्रदेश में सपा और कांग्रेस का गठबंधन तो ही है अब असदुद्दीन ओवैसी ने पल्लवी पटेल से मिलकर नया मोर्चा बना लिया है। इस मोर्चा का नाम अखिलेश यादव के पीडीए की तर्ज पर पीडीएम यानि कि पिछड़ा दलित और मुस्लिम मोर्चा बनाया गया है। इस मोर्चे में आजाद समाज पार्टी के संस्थापक चंद्रशेखर आजाद को लाने का प्रयास किया जा रहा है। मोर्चे में और भी कई छोटे मोटे दलों के आने की बात सामने आ रही है। अब तक तो ओवैसी के सात सीटों पर चुनाव लड़ने की बात सामने आ रही थी पर अब पल्लवी पटेल ने तीन दर्जन सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है। पल्लवी पूरी तरह से फार्म में हैं। वह समाजवादी पार्टी पर आक्रामक हैं। पल्लवी का कहना है कि अखिलेश इस्तीफा मांगे या फिर उनका निष्कासन करें यह उनके अधिकार क्षेत्र में है। वह फिलहाल गठबंधन में हैं। मतलब पल्लवी पटेल लगातार अखिलेश यादव को ललकार रही हैं।
इसमें दो राय नहीं कि इंडिया गठबंधन के महारथी राहुल गांधी और अखिलेश यादव लगातार गलती पर गलती कर रहे हैं। राहुल गांधी ने जहां इंडिया गठबंधन को लेकर लापरवाही बरतने में गलती कर दी। वैसे ही गलती अखिलेश यादव ने सीटों के तालमेल में भी कर दी। नगीना लोकसभा सीट पर चंद्रशेखर आजाद को समर्थन कर इंडिया गठबंधन ने एक सीट नगीना की खो दी है तो एक सीट मुरादाबाद से एसटी हसन का टिकट काटकर रुचि वीरा को देकर कर दी है। रामपुर में आजम खान को नाराज कर दिल्ली के मौलाना मोहिबुल्लाह नदवी को टिकट देकर भी एक अलग कर दी। पूर्वांचल में पल्लवी पटेल को नाराज कर एक बड़ी गलती यह कर दी है।
पूर्वांचल में कुर्मी वोट बैंक ठीकठाक माना जाता है। यही वजह रही कि नीतीश कुमार इंडिया गठबंधन में रहते हुए फूलपुर या मिर्जापुर से चुनाव लड़ने की बात कर रहे थे। दरअसल पल्लवी पटेल राज्यसभा चुनाव से ही अखिलेश यादव से नाराज चल रही हैं। लोकसभा चुनाव में वह दो सीटें चाहती थीं पर अखिलेश यादव ने एक भी सीट उन्हें नहीं दी। पल्लवी पटेल ने न केवल सपा बल्कि कांग्रेस से भी बात करने की कोशिश की पर दोनों ही युवराज अपने में मस्त रहे। ऐसा ही चंद्रशेखर आजाद के साथ किया। चंद्रशेखर आजाद को पहले साथ टहलाते रहे और बाद में उन्हें उनके हाल पर छोड़ दिया गया। नगीना सीट पर शुरू से ही माना जा रहा था कि इंडिया गठबंधन चंद्रशेखर आजाद को चुनाव लड़ाएगा पर ऐन मौके पर अखिलेश यादव ने अपना प्रत्याशी पूर्व जज मनोज कुमार नगीना लोकसभा सीट से खड़ा कर दिया।
असदुद्दीन ओवैसी तो इस तरह के मौके पर तलाश में थे। उन्होंने पीडीएम मोर्चा बनाकर माहोैल बनाना शुरू कर दिया है। अब तक असदुद्दीन के 7 सीटों पर चुनाव लड़ने की बात सामने आ रही थी पर अब यह मोर्चा तीन दर्जन सीटों पर चुनाव लड़ने का दावा कर रहा है। मोर्चे के चुनाव लड़ने का नुकसान समाजवादी पार्टी और कांग्रेस को ही तो होगा। ऐसे में प्रश्न उठता है कि यह मोर्चा आखिर लड़ेगा किसके खिलाफ ? असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी को बीजेपी की बी टीम बोला जाता है। जब बीजेपी के लिए काम करेंगे तो बी टीम ही बोला जाएगा। हालांकि असदुद्दीन ओवैसी का तो कहना है कि वह तो इंडिया गठबंधन में शामिल होना चाहते थे पर उन्हें लिया नहीं गया। अब ओवैसी यही कहेंगे कि वह चुनाव तो लड़ेंगे ही। हालांकि ओवैसी कांग्रेस और समाजवादी पाटी दोनों पर ही मुस्लिमों को ठगने का आरोप लगाते हैं।