ख़त्म हुआ इंतज़ार.. भव्य मंदिर में संपन्न हुई श्रीराम का प्राण प्रतिष्ठा

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500 सालों का कठोर तप और फिर भव्य मंदिर में श्रीराम की प्राण प्रतिष्ठा ने पूरे देश में त्योहार का उद्घोष कर दिया है, पूरा देश राममय हो चुका है और चारों ओर सिर्फ राम नाम की धुन सुनाई दे रही है। क्योंकि 22 जनवरी 2024 की तारीख़ इतिहास में दर्ज हो चुकी है। अब से अनंत काल तक जब भी 22 जनवरी का ज़िक्र होगा, तब जो नाम सबसे पहले ज़हन में आएगा वो श्रीराम का होगा। क्योंकि ये तारीख़ गवाह है राम राज्य के शुरुआत की।

संपन्न हुई श्रीराम की प्राण प्रतिष्ठा 

दोपहर 12 बजकर 29 मिनट 8 सेकंड से अगले 84 सेकंड तक शुभ मुहूर्त रहा। 84 सेकंड के इसी शुभ मुहूर्त में जजमान रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने हाथों से रामलला के विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा की। प्राण प्रतिष्ठा को पूरा कर प्रधानमंत्री ने रामलला के चरणों में दंडवत प्रणाम किया।
फिर स्वामी गोविंददेव मे चरणामृत पिलाकर उनका उपवास तुड़वाया। क्योंकि प्रधानमंत्री प्रभु श्रीराम की प्राण प्रतिष्ठा के लिए 12 जनवरी से कड़े उपवास पर थे। प्राण प्रतिष्ठा से पहले सुबह मंत्रोच्चार के साथ रामलला को जगाया गया। इसके बाद वैदिक मंत्रों के साथ मंगला चरण हुआ, फिर 10 बजे से शंख समेत 50 से ज्यादा वाद्य यंत्रों की मंगल ध्वनि बजाई गई। इस कार्यक्रम के बाद प्रधानमंत्री ने अपने ही अंदाज़ में थोड़े राजनीतिक तीर भी फेंके… उन्होंने बताया कि लोग कहते थे राम मंदिर मंदिर बनेगा तो आग लग जाएगी, लेकिन राम आग नहीं ऊर्जा हैं, राम विवाद नहीं समाधान हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि ये भारत के विकास का अमृतकाल है।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, आज से हजार साल बाद भी लोग आज की इस तारीख की, आज के इस पल की चर्चा करेंगे। यह कितनी बड़ी राम कृपा है कि हम सब इस पल को जी रहे हैं, इसको साक्षात घटित होते हुए देख रहे हैं। आज दिन-दिशाएं सब दिव्यता से परिपूर्ण है। यह समय सामान्य समय नहीं है। यह काल के चक्र पर सर्वकालिक स्याही से अंकित हो रही अमित स्मृति रेखाएं हैं। हम सब जानते हैं, जहां राम का काज होता है, वहां पवनपुत्र हनुमान स्वयं विद्यमान होते हैं। मैं हनुमान गढ़ी को भी प्रणाम करता हूं। मैं माता जानकी, लक्ष्मण, भरत सबको प्रणाम करता हूं। मै अयोध्या नगरी, सरयू नदी सबको प्रणाम करता हूं।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत के संविधान की पहली प्रति में भगवान राम विराजमान हैं। मैं आभार व्यक्त करूंगा, भारत की न्याय पालिका का जिसने न्याय की लाज रख ली। न्याय के पर्याय प्रभु राम का मंदिर भी न्यायबद्ध तरीके से ही बना। आज गांव-गांव में संकीर्तन हो रहे हैं। मंदिरों में उत्सव हो रहे हैं। पूरा देश दीपावली मना रहा है। आज शाम घर-घर श्रीराम ज्योति प्रज्जवलित करने की तैयारी है।
आपको बता दें कि प्राण प्रतिष्ठा का ये कार्यक्रम पिछले 7 दिनों से चल रहा है, हर रोज़ श्रीराम के लिए मंत्रोच्चारण किए जा रहे थे। इस महोत्सव में होने वाली वैदिक क्रियाएं और शुभ संस्कार 16 तारीख से शुरू हो गए थे। काशी के 121 वैदिक-कर्मकांडी ब्राह्मणों ने इन मंत्रों का सिलसिलेवार ढंग से धाराप्रवाह वाचन किया।
पहले दिन प्रायश्चित्त होम यानी पवित्रीकरण की क्रिया हुई। इसके बाद कलश पूजन और मूर्ति की शोभायात्रा हुई फिर मूर्ति का परिसर में प्रवेश हुआ। जलयात्रा और तीर्थ पूजा हुई और अधिवास हुए।
मूर्ति की पवित्रता और शक्ति बढ़ाने के लिए मूर्ति को जल, घी, औषधि, केसर, शहद, फल, अनाज और सुगंधित चीजों में रखा गया। इसे अधिवास कहते हैं। इसके बाद श्रीरामलला को 20 जनवरी को स्थापित किया। इसके बाद 21 जनवरी को पहले टेंट, फिर अस्थायी मंदिर में विराजमान रही रामलला की पुरानी मूर्ति नए मंदिर में ले जाकर स्थापित की गई। मूर्ति को शहद के साथ रखा जाता है, फिर लिटाया जाता है। इसे शयन परंपरा भी कहते हैं। शयन से पहले शाम की पूजा और आरती हुई।
फिर 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा संपूर्ण हुई।

प्राण प्रतिष्ठा में क्या होता है?

प्राण प्रतिष्ठा का मतलब होता है जीवन देना.. हिंदू धर्म में जब भी किसी पूजा स्थल पर मूर्ति को स्थापित किया जाता है तो प्राण प्रतिष्ठा के बिना उसकी पूजा नहीं की जाती, मान्यता है कि प्राण प्रतिष्ठा से देवी-देवता उस मूर्ति में साक्षात अवतरित हो जाते हैं, या आसान शब्दों में कहें तो मूर्ति में प्राण आ जाते हैं और वो पूज्यनीय हो जाती है।
इसको ऐसे भी समझिए कि कुछ मंत्रों के ज़रिए एक मूर्ति में देव का वास कराया जाता है, फिर उन्हें गंगा जल से नहलाकर, साफ वस्त्र पहनाकर उनका श्रंगार किया जाता है।

प्राण प्रतिष्ठा में कौन-कौन शामिल हुआ?

 

श्री राम की प्राण प्रतिष्ठा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ संघ प्रमुख मोहन भागवत, उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शामिल हुए।
इसके अलावा खेल से लेकर बॉलीवुड और बिज़नेसमैन तक इस कार्यक्रम में शामिल हुए। भारत के सबसे बड़ा बिजनेसमैन मुकेश अंबानी अपनी पत्नी नीता अंबानी के साथ पहुंचे। रामानंद सागर की रामायण में राम बने अरुण गोविल और सीता बनीं दीपिका चिखलिया भी पहुंची। इसके अलावा अमिताभ बच्चन, रणबीर कपूर, आलिया भट्ट समेत कई फिल्मी सितारे पहुंचे। मशहूर गायक शंकर महादेवन, सोनू निगम, कैलाश खेर, अनुराधा पौड़वाल ने अपनी आवाज़ में राम के भजन गाकर सबको मुग्ध कर दिया। आम जन कैसे करेंगे दर्शन?

राम भक्तों को राम मंदिर में दर्शन के लिए दो स्लाट बनाए गए हैं। पहला स्लॉट सुबह 7 बजे से साढ़े 11:30 बजे तक का है। वहीं दूसरा स्लॉट दोपहर 2 बजे से शाम 7 बजे तक है।साथ ही मंदिर में जागरण और श्रंगार आरती का समय सुबह 6:30 बजे का होगा। इस आरती में शामिल होने के लिए एक दिन पहले बुकिंग करवानी होगी। इसी तरह संध्या आरती का समय शाम 7 बजे का रखा गया है। इसकी बुकिंग दर्शन के दिन ही की जा सकती है।

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