Noida News : प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान दिवस पर हुई गर्भवती के स्वास्थ्य की जांच

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596 महिलाओं की हुई प्रसव पूर्व जांच, 83 गर्भवती उच्च जोखिम गर्भावस्था वाली चिन्हित, निजी केन्द्रों पर उपलब्ध करायी गई अल्ट्रासाउंड जांच की सुविधा

नोएडा जनपद के स्वास्थ्य केंद्रों पर सोमवार को प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान दिवस का आयोजन किया गयाजिसमें उच्च जोखिम गर्भावस्था वाली गर्भवती को चिन्हित किया गया। इसके साथ ही उन्हें पोषण युक्त आहार की जानकारी प्रदान की गई।

अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. भारत भूषण ने बताया प्रत्येक माह की नौ तारीख को जनपद के सभी स्वास्थ्य केन्द्रों पर प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान दिवस का आयोजन किया जाता हैजिसमें गर्भवती के स्वास्थ्य की जांच कर उन्हें गर्भ में पल रहे शिशु और स्वयं की देखभाल की जानकारी दी जाती है। इस बार नौ तारीख को रविवार होने के कारण इसे 10 तारीख को मनाया गया। इस अवसर पर निजी अल्ट्रासाउंड केन्द्रों पर उपलब्ध अल्ट्रासाउंड की सुविधा गर्भवती को उपलब्ध करायी गयीजिसके तहत 25 गर्भवती ने इस सुविधा का लाभ लिया । विभिन्न स्वास्थ्य केन्द्रों पर 596 गर्भवती की प्रसव पूर्व जांच हुईजिसमें 83 गर्भवती उच्च जोखिम गर्भावस्था वाली चिन्हित की गयीं। इन सभी को उच्च स्वास्थ्य केन्द्रों पर रेफर किया गया है।

उन्होंने बताया- स्वास्थ्य केन्द्रों पर सोमवार को आईं सभी गर्भवती की जांच की गई और उच्च जोखिम गर्भावस्था वाली गर्भवती को चिन्हित किया गया। उन्होंने कहा मातृ एवं शिशु मृत्यु दर के आंकड़ों में कमी लाने की दिशा में लगातार प्रयास किये जा रहे हैं। सुरक्षित प्रसव के लिए गर्भवती डॉक्टरों की सलाह पर जांच और इलाज करवाएं। सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर यह सुविधा उपलब्ध है।

डॉ. भारत भूषण ने बताया-  गर्भवती की प्रसव पूर्व हीमोग्लोबिनशुगरयूरिन जांचब्लड

ग्रुपएचआईवीसिफलिसवजनब्लड प्रेशर एवं अन्य जांच की गई। इसके साथ ही टिटनेस-डिप्थीरिया (टीडी) का टीकाआयरनकैल्शियम एवं आवश्यक दवा दी गयी। एचआरपी (उच्च जोखिम गर्भावस्था) के तहत गर्भवती की पहचान कर उन्हें सुरक्षित संस्थागत प्रसव के लिए प्रेरित किया गया। पोषणपरिवार नियोजन के लिए सलाह भी दी गई। उन्होंने कहा- नियमित जांच से गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं की आशंका कम हो जाती है। गर्भवतीखासकर आर्थिक तौर पर कमजोर तबकों की महिलाएं आमतौर पर कुपोषित होती हैं उन्हें गर्भधारण के दौरान महत्वपूर्ण पोषक तत्व भी नहीं मिलते। इसका नतीजा अक्सर यह होता है कि बच्चे किसी न किसी विकार के साथ पैदा होते हैं। साथ ही कुपोषण से पीड़ित होते हैं। इन सभी परेशानियों से बचने के लिए गर्भवती की जांच जरूरी है।

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