डीयू में पांच साल बाद भी लागू नहीं हुआ संसदीय समिति का सकरुलर

नई दिल्ली, दिल्ली विश्वविद्यालय में 4500 पदों के बैकलॉग और रोस्टर को लेकर अनेक विसंगतियां पाई गई थीं। रिक्त पदों को भरने के लिए संसदीय समिति द्वारा सकरुलर भी जारी किया गया। हालांकि यह सकरुलर अब तक लागू नहीं हो सका है।

अब दिल्ली विश्वविद्यालय के शिक्षकों द्वारा मांग की जा रही है कि डीयू में संसदीय समिति द्वारा भेजे गए सकरुलर को लागू किया जाए। संसदीय समिति ने दिल्ली विश्वविद्यालय में आरक्षण व रोस्टर के मुद्दों को लेकर केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के उच्च शिक्षा विभाग, यूजीसी, डीओपीटी और दिल्ली विश्वविद्यालय के साथ 2016 में दिल्ली विश्वविद्यालय में एससी, एसटी के टीचिंग व नॉन टीचिंग स्टाफ की आरक्षण नीति और रोस्टर के मुद्दे को लेकर मीटिंग की थी।

एससी, एसटी के कल्याणार्थ संसदीय समिति ने दिल्ली विश्वविद्यालय में 4500 पदों का बैकलॉग पाया और रोस्टर को लेकर अनेक विसंगतियां पाई थीं। इसके अतिरिक्त तीन कॉलेजों में रोस्टर को डीओपीटी के अनुसार लागू नहीं किया गया था। संसदीय समिति द्वारा भेजा गया सकरुलर पिछले पांच साल से प्रशासन की फाइलों में कैद है, उस पर धूल जम गई है लेकिन कार्यवाही आज तक नहीं किए जाने को लेकर फोरम ऑफ एकेडेमिक्स फॉर सोशल जस्टिस व दिल्ली यूनिवर्सिटी एससी, एसटी ओबीसी टीचर्स फोरम ने गहरी चिंता व्यक्त की है। फोरम ऑफ एकेडेमिक्स फॉर सोशल जस्टिस ने संसदीय समिति में विशेष याचिका दायर कर 22 दिसम्बर 2016 के संसदीय समिति द्वारा डीयू को भेजे गए सकरुलर को लागू करने की मांग की है।

फोरम के चेयरमैन डॉ. हंसराज सुमन ने बताया है कि संसदीय समिति ने दिल्ली यूनिवर्सिटी के पूर्व वाइस चांसलर को भेजे गए पत्र में लिखा है कि कॉलेज आरक्षण नीति को सही ढंग से नहीं अपना रहे हैं। रोस्टर प्रणाली के नियमों की अनदेखी कर रहे हैं। ऐसे में यूजीसी को आरक्षण लागू करने के नोडल अधिकारी होने के नाते अनुदान बंद कर देना चाहिए। संसदीय समिति ने डीयू के पूर्व वाइस चांसलर को भेजे गए पत्र में लिखा है कि दिल्ली यूनिवर्सिटी में 4500 पदों का बैकलॉग है, कॉलेजों के रोस्टरों में अनेक विसंगतियां हैं। रोस्टर में कार्मिक एवं प्रशिक्षण मंत्रालय ( डीओपीटी ) के दिशा निर्देशों का सख्ती से पालन नहीं हो रहा है।

उन्होंने बताया है कि संसदीय समिति ने दिल्ली यूनिवर्सिटी के आर्य भट्ट कॉलेज, दीन दयाल उपाध्याय कॉलेज, कॉलेज ऑफ वोकेशनल स्टडीज के द्वारा बनाए गए रोस्टर रजिस्टर में गड़बड़ियां पाई थीं।

डॉ. हंसराज सुमन ने बताया है कि समिति की दो मीटिंग के बाद डीयू के पूर्व वाइस चांसलर प्रो. योगेश कुमार त्यागी को पत्र लिखकर कहा था कि डीयू में 4500 रिक्तियों का बैकलॉग है। इन बैकलॉग रिक्तियों को भरे जाने की समय सीमा निर्धारित की जानी चाहिए।

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