हल्द्वानी रेलवे लैंड केस में सुप्रीम कोर्ट ने नैनीताल हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि रातों रात 50 हजार लोगों को हटाया नहीं जा सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने इसके साथ ही राज्य सरकार और रेलवे को नोटिस भी जारी किया है। हल्द्वानी में नैनीताल हाईकोर्ट के आदेश के बाद से ही तनाव था। विवादित स्थल पर तभी से विरोध प्रदर्शनों का दौर शुरू हो गया था। यहां हाईकोर्ट के फैसले के बाद 8 जनवरी को बुल्डोजर चलना था जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद इस मामले के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की ओर से भी प्रतिक्रिया आई। उन्होंने कहा कि हमने पहले कहा था कि यह रेलवे की जमीन है। हम कोर्ट के आदेश के अनुसार आगे बढ़ेंगे। वहीं, उत्तराखंड के पूर्व सीएम हरीश रावत ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला मानवाधिकार की सरक्षा करेगा। हम सभी विध्वंस के बारे में चिंतित थे, जिससे 52,000 लोग बेघर हो जाते। सुप्रीम कोर्ट ने विध्वंस पर रोक लगा दी। साल 2016 में हमने लोगों के पुनर्वास का लेकर फैसला लिया था। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में याचिकाकर्ताओं की वकील लुबना नाज ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस जमीन पर कोई निर्माण नहीं किया जाएगा। पुनर्वास योजना को ध्यान में रखा जाना चाहिए। वहां स्कूल, कॉलेज और अन्य ठोस संरचनाएं हैं, जिन्हें इस तरह ध्वंस नहीं किया जा सकता।
क्या है हाईकोर्ट का आदेश ?
गत साल 20 दिसंबर को नैनीताल हाईकोर्ट की बेंच ने रेलवे को आदेश में कहा है कि वे जमीन खाली करने के लिए एक हफ्ते का समय देने के बाद गलत तरीके से कब्जा जमाए रखने वालों को हटाने के लिए किसी भी हद तक बल का उपयोग कर सकते हैं।
रेलवे की जमीन पर बसे हैं 4 हजार परिवार
हल्द्वानी में जिस जमीन को लेकर विवाद हो रहा है उस पर चार हजार परिवार बसे हुए हैं। रेलवे का कहना है कि उनके पास पुराने नक्शे और रिवेन्यू रिकार्ड हैं, जो जमीन पर उनका दावा साबित करते हैं। हालांकि विरोध कर रहे लोगों का दावा है कि वो यहां पीढि़योें से रहते है।
2.2 किलोमीटर में फैला है इलाका
उत्तराखंड के हल्द्वानी का यह विवादित इलाका 2.2 किलोमीटर में फैला हुआ है। इस इलाके में गफूर बस्ती, ढोलक बस्ती और इंदिरा नगर में बसे हुए हैं। ये तीनों इलाके हल्द्वानी के बनभूलपुरा एरिया का हिस्सा है। यहां पर तीन सरकारी स्कूल, 11 प्राइवेट स्कूल, 10 मस्जिद, 12 मदरसे, एक पब्लिक हेल्थ सेंटर और एक मंदिर है।