दिल्ली विश्वविद्यालय के कुछ कालेजों और केंद्रों के नामकरण की संभावना है। इन कॉलेजों और केंद्रों के नाम पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, अरुण जेटली, अमर्त्स सेन और सावित्रि बाई फुले पर रखने की संभावना जताई गई है और इन पर चर्चा भी की गई है। दिल्ली विश्वविद्यालय की कार्यकारी परिषद ने गत साल एक प्रस्ताव पारित किया था कि आगामी कॉलेजों और केंद्रों का नाम स्वामी विवेकानंद, सुषमा स्वराज, वीडी सावरकर और सरदार वल्लभभाई पटेल के नाम रखा जा सकता है।
शिक्षा मंत्रालय ने लोकसभा में दिया जवाब
इस फैसले पर लोकसभा में एक सवाल के जवाब में सोमवार को शिक्षा मंत्रालय ने अन्य नामों का भी सुझाव दिया। परिषद ने अटल बिहारी वाजपेयी, सावित्री बाई फुले, अरुण जेटली, चौधरी ब्रह्म प्रकाश, सीडी. देशमुख और अमर्त्स सेन के नाम पर सुझाव दिया। वहीं कुलपति को नाम का अंतिम रूप देने के लिए अधिकृत किया जाएगा।
कांग्रेस सांसद ने पूछा था प्रश्न
केरल के कांग्रेस सांसद कोडिकुन्निल सुरेश ने इस फैसले पर लोकसभा में एक सवाल उठाया था जिसमें पूछा गया था कि क्या सरकार प्रतिस्पर्थी विरासत वाले व्यक्तियों के नाम पर कॉलेजों के नामकरण की नीति पर फिर से विचार करने का प्रस्ताव रखता है। मंत्रालय ने सुरेश द्वारा पूछे गये सवाल का जवाब देते हुए कहा कि डीयू अपने वैधानिक निकायों की मंजूरी के साथ सभी शैक्षणिक और प्रशासनिक निर्णय लेने में सक्षम है।
दिल्ली विश्वविद्यालय नए कालेज शुरू करने की दिशा में पहले कदम के रूप में दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के दूर-दराज के इलाकों में रहने वाले छात्रों की जरूरतों और आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए दो सुविधा केंद्र स्थापित करने पर काम कर रहा है। नजफगढ़ और फतेहपुर बेरी में डीयू को आवंटित भूमि के भूखंडों पर दो केंद्र स्थापित किये जाने का प्रस्ताव है।