दिल्ली भाजपा के नेता सुरेंन्द्र कुमार सिंह ने कांग्रेस के अध्यक्ष चुनाव को नौटंकी करार दिया है। उन्होंने कहा कि सब जानते हैं कि यदि गांधी परिवार का कोई सदस्य अध्यक्ष नहीं बनता है तो फिर इस परिवार की जेब का ही नेता अध्यक्ष बनेगा। उन्होंने सवालिये लहजे में कहा कि क्या कांग्रेस में अध्यक्ष पद के लिए कोई चुनाव हो रहा है ? उन्होंने कहा कि सोनिया गांधी पहले अपनी जेब के नेता राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को अध्यक्ष बनाना चाहती थीं पर राजस्थान प्रकरण के बाद अब उन्होंने जेब के दूसरे नेता मल्लिकार्जुन खड़गे को अध्यक्ष बनाने का मन बना लिया है। दिग्विजय सिंह से दौड़ से पीछे हटने के कह दिया गया है। जी-२३ के नेता शथि थरूर भी बस यह कहने के लिए चुनाव लड़ रहे हैं कि कांग्रेस इस बार चुनाव कराकर अध्यक्ष बनवा रही है। उन्होंने कहा कि देख लेना गांधी परिवार मल्लिकार्जुन खड़गे को कांग्रेस का अध्यक्ष बनवाएगा।
सुरेन्द्र कुमार सिंह ने दावा किया है कि अध्यक्ष भले ही गांधी परिवार से अलग रहे पर पार्टी को सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ही चलाएंगे। अध्यक्ष भी ऐेसे ही गांधी परिवार की कठपुतली रहेगा जैसे कि यूपीए सरकार में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह रहे थे। उन्होंने कहा कि अब कांग्रेस कितनी भी नौटंकी कर ले पर वह डूबती ही जाएगी। उन्होंने भारत जोड़ो यात्रा पर कटाक्ष करते हुए कहा कि राहुल गांधी भारत जोड़ो यात्रा निकाल रहे हैं और अपना परिवार इन लोगों से संभल नहीं रहा है। कांग्रेस के विभिन्न राज्यों के संगठन में बगावत हो रही है।
उन्होंने दावा किया है कि राजस्थान में कांग्रेस का मामला और बिगड़ेगा। सचिन पायलट के समर्थक विधायक भी खेल करने की इंतजार में बैठे हैं। उन्होंने कहा कि यदि गांधी परिवार कांग्रेस में लोकतंत्र लाना चाहता है तो मल्लिकार्जुन को पीछे हटने को कहकर शशि थरूर को कांग्रेस का अध्यक्ष बनवाए। सुरेन्द्र कुमार ने कहा कि जनता कांग्रेस की नौटंकी भलीभांति जानती है। अब कांग्रेस कितने भी हथकंडे अपना ले पर वह दिन पर दिन कमजोर ही होगी। देश में प्रधानमंत्री नरेंन्द्र मोदी के नेतृत्व के लोग कायल हैं। देश उनके हाथों में सुरक्षित है। ऐसे में देश में कांग्रेस के नाम कर कोई लेने वाला नहीं है। जो भी कार्यकर्ता हैं बस वह ही अपना ही राग अलाप रहे हैं। राहुल गांधी 41 हजार की टीशर्त बहनकर भारत जोड़ो यात्रा निकाल रहे हैं। खुद 41 हजार की टीशर्त पहते हैं और बात गरीबी की करते हैं।