आज खबरों में दिनभर फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों (Macron) की ओर से प्रधानमंत्री की तारीफ के चर्चे रहें, प्रधानमंत्री मोदी ने रुस के राष्ट्रपति पुतिन को शांति की सलाह दी थी लेकिन उन्हें लगता है ये बात समझ नहीं आई
उल्टे रुस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (putin) ने कुछ एसे ऐलान कर दिए जिससे पूरी दुनिया की नजर उन पर चली गई, युध्द के विपरीत जा कर पुतिन ने यूक्रेन में ज्यादा सेना भेजने का फैसला कर लिया है। इस दुनिया क्यों चिंतित है और फ्रांस के राष्ट्रपति ने मोदी की तारीफ में क्या कहा जानेंगे आज के इस आर्टिकल में।
इमैनुएल मैक्रों (Macron) ने तारीफ में क्या कहा –
फ्रांस के राष्ट्रपति ने संयुक्त राष्ट्र महासभा (United Nations General Assembly) के एक सत्र में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (modi) की तारीफ करते हुए कहा कि –
“भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सही कहा था कि यह युद्ध का युग नहीं है, यह पश्चिम से बदला लेने और उसे पूर्व के खिलाफ खड़ा करने का समय नहीं है, यह वक्त है कि हम सभी संप्रभु राष्ट्र हमारे समक्ष मौजूद चुनौतियों का एकजुट होकर मुकाबला करें”
दरअसल PM मोदी ने हाल ही में उज्बेकिस्तान के समरकंद में हुए शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के शिखर सम्मेलन के अलावा पुतिन से मुलाकात की थी और कहा था कि “आज युद्ध का युग नहीं है”
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लेकिन रुस के राष्ट्रपति ने इसके उलट जा कर अगल ही लेवल की लामबंदी कर दी ।
पुतिन ने किया सैन्य लामबंदी का एलान –
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (putin) ने बुधवार को टीवी पर प्रसारित हुए देश के नाम संबोधित अपने भाषण में कहा है कि “यह रूस की क्षेत्रीय अखंडता को बरकरार रखने के लिए ये एक ज़रूरी कदम था”
पुतिन की बातों से स्पष्ट था कि उन्हें यूक्रेन में हुए नुकसान का जरा भी अफसोस नही है, महीनों बीत जाने के बाद भी पुतिन यूक्रेन में और सेनानियों की भेजने की बात कर रहे है।
इसके अलावा उनकी बातों में युध्द का कारण पश्चिमी देश है, उन्होंने सोवियत के विघटन का जिम्मेदार भी पश्चिमी देशों को बताया और परमाणु हथियार होने की बात कहीं।
पुतिन के भाषण के कुछ बिन्दु –
- यूक्रेन में जारी सैन्य संघर्ष में पहले से मौजूद सैनिको को बुलाया जाएगा और अतिरिक्त सैन्य टुकड़ियां भेजा जाएगा।
- इन नए सैनिको की सैन्य टुकड़ि आज ही रवाना होगी।
- पश्चिमी देशों पर रूस को परमाणु हमले के नाम पर ब्लैकमेल करने का आरोप लगाया। साथ ही बताया कि उनके जबाव में उनके पास काफ़ी हथियार हैं।
- डोनबास में चअपनों’ की सुरक्षा के लिए हर संभव साधन जुटाए जाएंगे।
- रुस में हथियारों के उत्पादन को बढ़ाने के लिए फंडिंग का आदेश यानी कि देश के सभी संसाधन अब युध्द में लगेंगे।
रुस के कारण महंगी हुई गैस, भारत को नुकसान –
हाल फिलहाल में रुस- यूक्रेन युध्द के चलते दुनिया को भारी नुकसान उठाना पड़ा है, अनाज की कमी के अलावा भारत में आने वाले गैस के दाम बढ़ने वाले है
जहां एक ओर भारत रुस से तेल आयात कर मुनाफा बना रहा था वहीं दूसरी ओर रुस के ही कारण उसे ज्यादा कीमत पर अब गैस खरीदनी होगी।
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न केवल फ्रांस (Macron) बल्कि अमेरिका के भी उच्चाधिकारियों ने भी PM मोदी की बात का समर्थन किया कि 21वीं सदी में बात मानवता की होनी चाहिए न कि सीमा विस्तार की।