Gyanvapi Mosque : फैसला हिन्दू पक्ष में, मुस्लिम पक्ष की याचिका खारिज

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वाराणसी में श्रृंगाल-गौरी ज्ञानवापी मस्जिद मामले में जिल कोर्ट ने सोमवार को एक बड़ा फैसला सुनाया। सीपीसी के आदेश 7 नियम 11 के तहत ये केस सुनने योग्य है या नहीं। इसी को लेकर सोमवार को सुनवाई हुई जिसे कोर्ट ने सुनवाई योग्य माना है। हिन्दू पक्ष की दलील सुनने के बाद कोर्ट ने फैसला हिन्दू पक्ष की ओर लिया। इससे पहले कोर्ट ने फैसले को सुरक्षित रखा था। 24 अगस्त को हुई सुनवाई में जज अजय कृष्णा ने फैसले को सुरक्षित रखा था और ज्ञानवापी मस्जिद पर अगली सुनवाई 12 सितंबर को करने का फैसला किया था। पहले से ही माना जा रहा था कि जज अजय कृष्णा हिन्दू धर्म के पक्ष में फैसला सुना सकते हैं। नागरिक प्रक्रिया संहिता सीपीसी के आदेश 7 नियम 11 के तहत ये केस सुनने याग्य है या नहीं इसी को लेकर आज सुनवाई हुई।

सुरक्षा के कड़े इंतजाम

कोर्ट के फैसले के बाद किसी भी पक्ष में निर्णय किया जाता है तो जाहिर है सी बात है कि किसी विशेष समुदाय या धर्म को उससे ठेस पहुंच सकती है। जिसे ध्यान में रखते हुए वाराणसी कोर्ट और ज्ञानवापी मस्जिद के आसपास आईपीसी की धारा 144 लागू की गई है। आम लोगों को कोर्ट के बाहर खड़े होने की इजाजत नहीं है।

2000 पुलिसकर्मी तैनात

ज्ञानवापी मस्जिद और कोर्ट के बाहर लगभग २ हजार पुलिसकर्मियें को तैनात किया गया है। फैसले के दौरान किसी को घर से बाहर निकलने की इजाजत नहीं दी गई है। यही नहीं पीआरवी और क्यूआरटी की टीम भी तैनात की गई है। इसके अलावा बॉम्ब निरोधक और डॉग स्कॉवड की तैनाती भी की गई है।

होटल, धर्मशाला और गेस्ट हाउस की तलाशी

पुलिस कमिश्नर ने फैसले से पहले जगह-जगह पर पुलिस की टीम तैनात की है। साथ ही साथ होटल, धर्मशाला ओैर गेस्ट हाउस की चेकिंग करने का भी काम किया है। वाराणसी में सभी होटल, धर्मशाला और गेस्ट हाउस की लगातार निगरानी की जा रही है। खतरे की आशंका मिलते ही उन्हें गिरफ्तार करने के ऑर्डर भी दिये गये हैं। पीआरवी और ब्यूआरटी की टीमों को नाजुम माहौल वाले इलाकों को तैनात किया गया है।

दो बजकर 28 मिनट पर आया फैसला

ज्ञानवापी मस्जिद के फैसले का इंतजार हिन्दू-मुस्लिम पक्ष को काफी दिनों से था। जज अजय कृष्णा की अध्यक्षता में यह फैसला 2 बजकर 28 मिनट पर हिन्दू पक्ष की ओर सुनाया गया। नाजुक स्थिति को देखते हुए कमिश्नर ने अलग-अलग सेक्टर बनाकर चप्पे-चप्पे पर नजर बनाई हुई है।

क्या है मामला ?

वाराणसी की कुछ महिलाओं ने श्रृंगार गौरी की पूजा और सुरक्षा को लेकर अगस्त 2021 में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसके बाद ज्ञानवपी मस्जिद की वीडियोग्राफी की गई। वीडियोग्राफी में शिवलिंग और हिन्दू धर्म से संबंधित कई प्रकार के चिह्न मिले थे। जैसे सतिया ओम का निशान भगवान शिव का त्रिशुल आदि। यही नहीं शिवलिंग के ठीक सामने नंदी विराजमान है। वहीं मुस्लिम पक्ष ने यह दावा किया है कि वो फव्वारा है शिवलिंग नहीं। मस्जिद के भीतर हिन्दू धर्म के मंदिर जैसा गुम्मद भी दिखाई दिये। जिसके ऊपर एक और गुम्मद बना हुआ है। वीडियोग्राफी के बाद सरे सबूत हिन्दू लोगों के पक्ष में जाते हुए दिखाई दे रहे हैं। विश्व हिन्दू परिषद का भी मानना है कि पहले यहां पर पूजा की जाती थी।

 

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