Bihar News : नीतीश सरकार का हर तीसरा मंत्री दागी, हत्या की साजिश में हिंसा भड़काने और धाखाधड़ी तक के केस

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बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव का नाम आईआरसीटीसी घोटाले में आ चुका है। बिहार विधानसभा चुनाव 2002 के दौरान दायर किये गये हलफनामे के मुताबिक तेजस्वी यादव पर 11 मामले दर्ज हैं। इनमें 7 आपराधिक केस हैं। बिहार के नए मंत्रिमंडल का विस्तार मंगलवार को हो गया। राजद के 16, जदयू 11, कांग्रेस के दो तथा एक निर्दलीय समेत कुल 31 विधायकों का मंत्री पद की शपथ दिलाई गई। नीतीश कुमार कैबिनेट में मंत्री बने कई ऐसे नेता हैं, जिन पर कई आपराधिक मुकदमे चल रहे हैं। तेजस्वी यादव, लेशी सिंह, तेज प्रताप यादव समेत दस मंत्रियों पर कई केस चल रहे हंै। राजद सुप्रीमो लालू यादव के छोटे बेटे तेजस्वी यादव बिहार के डिप्टी सीएम बन चुके हैं।

तेजस्वी का नाम आईआरसीटीसी घोटाले में आ चुका है। तेजस्वी यादव पर 11 मामले दर्ज हैं। इनमें 7 आपराधिक केस हैं, जिनमें मनी लॉं्ड्रिरंग, आपराधिक साजिश रचने, धोखाधड़ी के मामले चल रहे हैं। इसके अलावा चार सिविल केस भी चल रहे हैं। तेजस्वी यादव पर धोखाधड़ी करने के लिए आईपीसी की धारा 120 बी के तहत आपराधिक षड्यंत्र का मुकदमा भी दर्ज हो चुका है। आईआरसीटीसी मामले में कार्रवाई हुई तो 7 साल की जेल तक हो सकती है।

अब बात करते हैं लालू यादव के बड़े बेटे और हसनपुर के विधायक तेज प्रताप यादव की। तेज प्रताप यादव पर राजधानी पटना के अलग-अलग थानों में चार मामले दर्ज हैं और एक मामला दहेज से भी जुड़ा हुआ है। नीतीश सरकार में खाद्य उपभोक्ता मंत्री बनी लेशी सिंह पर पूर्णिमा के सरसी में पूर्व में पूर्व जिला परिषद रिंटू सिंह की हत्या की साजिश रचने का आरोप लगा हुआ है। इतना ही नहीं नवम्बर 2000 में चुनाव के दौरान राजद नेता बिन्नी सिंह की हत्या की साजिश रचने का आरोप भी उन पर लगा। साल 2000 में लेशी सिंह के पति को पूर्णिया कोर्ट में गोलियों से भूनकर मार डाला गया था। पति की मौत होने के बाद लेशी सिंह ने राजनीति का रास्ता चुना। साल 2000 में चुनाव लड़ा और जीता भी। इसके अलावा नीतीश कैबिनेट में मंत्री बने जमा खान की छवि दबंग नेता की रही है। जमा खान हत्या की कोशिश करने, हिंसा को भड़काने, आर्म्स एक्ट जैसे मामलों में मुकदमे चल रहे थे।

लालू यादव और तेजस्वी यादव के करीबी सुरेंद्र यादव की छवि भी एक दबंग विधायक की है। सुरेन्द्र यादव पिछले ३० साल से बेलागंज से विधायक रहे हैं। वह दो बार जनता दल और पांच बार आरजेडी विधायक रहे हंै। वहीं राजद नेता ललित यादव दरभंगा ग्रामीण सीट से विधायक हैं। उनके खिलाफ पटना थाने में एक केस दर्ज हैं। ललित यादव उस समय सबसे ज्यादा चर्चा में आए थे जब उन पर प्रॉपर्टी डीलर की हत्या करने का आरोप लगा था। शाहपुर चक्का गांव के रहने वाले प्रापर्टी डीलर हीरा पासवान की गोली मारकर हत्या हुई थी।

शव ललित यादव के बगीचे से बरामद हुआ था। राजद नेता कार्तिक कुमार पर कई थानों में मामले दर्ज हैं। हालांकि किसी भी मामले में अब तक न्यायालय से इन्हें दोषी करार नहीं दिया है। मदन सहनी जेडीयू से हैं और बहादुरपुर विधानसभा सीट से विधायक हैं। इनके खिलाफ बहादुरगढ़ और घनश्यामपुर थाने में एक एक मामला दर्ज है। 53 वर्षीय मदन सहनी 2 करोड़ रुपये की संपत्ति के मालिक हैं। इसके अलावा सुमित कुमार सिंह चकाई विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय विधायक हैं। इन्हें भी नीतीश सरकार की कैबिनेट में जगह मिली है। सुमित कुमार पर पांच आपराधिक मामले दर्ज हैं। इन्हें भी नीतीश सरकार की कैबिनेट में जगह मिली है। करीब 11 करोड़ रुपये की संपत्ति के मालिक रामानंद यादव पर 4 आपराधिक मामले दर्ज हैं।

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