Suprim Court : वकील ने कहा-जुबैर को उत्तर प्रदेश में जान का खतरा
ऑल्ट न्यूज के सह संस्थापक मोहम्मद जुबैर के खिलाफ 20 जुलाई तक उत्तर प्रदेश की पुलिस कोई एक्शन नहीं ले सकेगी। सुप्रीम कोर्ट ने सख्त हिदायत देते हुए कहा कि जुबैर ने उसके खिलाफ दर्ज सभी पांच केसों को खारिज करने की मांग की है। लिहाजा जब तक उसकी अपील पर अदालत कोई फैसला नहीं कर लेती तब तक यूपी पुलिस उसके खिलाफ कोई कदम नहीं उठाए।
जुबैर के खिलाफ यूपी पुलिस ने 6 केस दर्ज कर रखे हैं। इनमें से लखीमपुर खीरी जिले में है तो दो हाथरस जिले मेंद र्ज किेय गय हैं। इनके अलावा मुजफ्फरनगर और गाजियाबाद में भी विवादित ट्वीट्स को लेकर केस दर्ज हैं। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और एएस बोपन्ना की डबल बेंच ने सभी पक्षों को नोटिस भेजकर मामले को 20 जुलाई को सुनवाई तय की है। बेंच का कहना है कि जब तक अदालत जुबैर की अपील नहीं सुन लेती है तब तक एक्शन न हो। फिलहाल जुबैर को सीतापुर में दर्ज मामले के साथ दिल्ली केस में जमानत दी जा चुकी है। जुबैर के वकील वीरेंद्र ग्रोवर ने अदालत से तुरंत सुनवाई की अपील की थी। उनका कहना था कि यूपी पुलिस उनके क्लाइंट के खिलाफ खराब नीयत से काम कर रही है। उन्हें बेवजह प्रताड़ित किया जा रहा है। उनकी अपील थी कि कोर्ट आज ही मामले की सुनवाई करके जुबैर की याचिका पर फैसला सुनाए।
जस्टिस डीवाई चंद्रचूड और एएस बोपन्ना की डबल बेंच ने कहा कि याचिका आज लिस्ट पर नहीं है तो सुनवाई नहीं की जा सकती है। बेंच ने रजिस्ट्री को आदेश दिया कि वह 20 जुलाई को याचिका सूचीबद्ध करे। अदालत उस दिन सुनवाई करेगी कोर्ट ने कहा कि सभी केसों की भाषा लगभग एक जैसी है। हम इस मामले में जुबैर को जमानत देते हैं तो दूसरे में उसे रिमांड पर लेने की तैयारी शुरू हो जाती है। ऐसा लगता है कि ये एक कुचक्र है।
हालांकि जुबैर के वकील वीरेंद्र ग्रोवर ने सीजीआई एनवी रमन्ना के सामने अपनी व्यथा रखी थी। उनका कहना था कि उनके मुवक्किल को हाथरस कार्ट ले जााय जा रहा है सीजेआई ने ग्रोवर से जस्टिस चंद्रचूड़ की बेंच के समक्ष अपील करने को कहा। ग्रोवर की मांग थी कि जुबैर को वापस दिल्ली की तिहाड़ जेल लााय जाए। यूपी में उनकी जान को खतरा है