द न्यूज 15
नई दिल्ली। केंद्रीय और विभिन्न क्षेत्रों के स्वतंत्र रूप से सक्रिय मजदूर संगठनों ने दो दिन की राष्ट्रव्यापी हड़ताल की सफलता श्रमिकों को बधाई दी है। संयुक्त मंच की ओर से जारी साझा बयान में हड़ताल में 20 करोड़ से ज्यादा लोगों के शामिल होने का दावा किया गया है। इस दौरान हड़तालियों को पुलिस के क्रूर व्यवहार और आवश्यक सेवा अधिनियम के तहत कार्रवाई किये जाने समेत हर तरह के खतरे का सामना करना पड़ा है। केरल में तो हालात और विषम हो गए थे। हाई कोर्ट ने आदेश जारी कर बीपीसीएल और सरकारी कर्मचारियों के हड़ताल में शामिल होने पर रोक ही लगा दी थी।
बैंककर्मी और बीमाकर्मी इस राष्ट्रव्यापी हड़ताल में पूरी तरह से शामिल हुए। इसके अलावा कोयला, बिजली, सीमेंट, दूरसंचार, एलपीजी संयंत्र, बंदरगाह, इस्पात, रेलवे, रक्षा उत्पादन आदि उत्पादन तथा सेवा के विभिन्न क्षेत्रों में काम कर रहे कर्मचारियों और श्रमिकों ने सभी राज्यों में हड़ताल में हिस्सा लिया। हड़ताल में आंगनबाड़ी, आशा, मिड डे मील आदि के स्कीम वर्कर्स शामिल हुए। हरियाणा में रोडवेज कर्मचारियों ने 28 मार्च की सुबह से ही विभिन्न डिपो पर धरना शुरू कर दिया था। तमिलनाडु में केंद्र सरकार के कार्यालयों के बाहर लगभग 300 स्थानों पर 50,000 लोग धरनों में शामिल हुए। इस राष्ट्रव्यापी हड़ताल को संयुक्त किसान मोर्चा का भी समर्थन हासिल था।
दिल्ली में जंतर-मंतर पर 29 जनवरी को हुए विरोध प्रदर्शन को केंद्रीय श्रमिक संगठनों के नेताओं ने संबोधित किया। इन नेताओं में हिन्द मजदूर सभा के राष्ट्रीय महामंत्री हरभजन सिंह सिद्धू, एआईटीयूसी से अमरजीत कौर, सीटू से तपन सेन, एआईयूटीयूसी से आर.के. शर्मा, जी देवराजन (टीयूसीसी), लता (सेवा), एआईसीसीटीयू से राजीव डिमरी, एलपीएफ से मोहन, यूटीयूसी से सुरेश डागर, एमईसी से संतोष, आईसीटीयू नरेन्दर आदि मौजूद थे। इनके अलावा राज्यसभा के सदस्य बिनाय विश्वम और संयुक्त किसान मोर्चा के प्रतिनिधि हन्नान मौला ने भी रैली को संबोधित किया।
बैंककर्मी और बीमाकर्मी इस राष्ट्रव्यापी हड़ताल में पूरी तरह से शामिल हुए। इसके अलावा कोयला, बिजली, सीमेंट, दूरसंचार, एलपीजी संयंत्र, बंदरगाह, इस्पात, रेलवे, रक्षा उत्पादन आदि उत्पादन तथा सेवा के विभिन्न क्षेत्रों में काम कर रहे कर्मचारियों और श्रमिकों ने सभी राज्यों में हड़ताल में हिस्सा लिया। हड़ताल में आंगनबाड़ी, आशा, मिड डे मील आदि के स्कीम वर्कर्स शामिल हुए। हरियाणा में रोडवेज कर्मचारियों ने 28 मार्च की सुबह से ही विभिन्न डिपो पर धरना शुरू कर दिया था। तमिलनाडु में केंद्र सरकार के कार्यालयों के बाहर लगभग 300 स्थानों पर 50,000 लोग धरनों में शामिल हुए। इस राष्ट्रव्यापी हड़ताल को संयुक्त किसान मोर्चा का भी समर्थन हासिल था।
दिल्ली में जंतर-मंतर पर 29 जनवरी को हुए विरोध प्रदर्शन को केंद्रीय श्रमिक संगठनों के नेताओं ने संबोधित किया। इन नेताओं में हिन्द मजदूर सभा के राष्ट्रीय महामंत्री हरभजन सिंह सिद्धू, एआईटीयूसी से अमरजीत कौर, सीटू से तपन सेन, एआईयूटीयूसी से आर.के. शर्मा, जी देवराजन (टीयूसीसी), लता (सेवा), एआईसीसीटीयू से राजीव डिमरी, एलपीएफ से मोहन, यूटीयूसी से सुरेश डागर, एमईसी से संतोष, आईसीटीयू नरेन्दर आदि मौजूद थे। इनके अलावा राज्यसभा के सदस्य बिनाय विश्वम और संयुक्त किसान मोर्चा के प्रतिनिधि हन्नान मौला ने भी रैली को संबोधित किया।