बराला ने बताया, “परिवार वालों का कहना है कि यह मामला संदिग्ध है। यह जांच होनी चाहिए कि दोनों आरोपी घटना में शामिल थे या नहीं।”
द न्यूज 15
नई दिल्ली। सांसद असदुद्दीन ओवैसी पर कथित रूप से हमला करने के आरोप में गिरफ्तार सचिन शर्मा और शुभम के परिवारों से उत्तर प्रदेश में योगी सरकार में मंत्री सुनील बराला ने मंगलवार को मुलाकात की। इसको लेकर विवाद खड़ा हो गया है। मंत्री बराला का कहना है कि कई लोगों ने उनसे कहा था कि वे निर्दोष हैं, उन्हें फंसाया गया है।
दोनों आरोपियों से मिलने के बाद मंत्री बराला ने मीडिया से कहा- “राष्ट्रीय परशुराम परिषद के हमारे प्रदेश पदाधिकारी और जिलाध्यक्ष परशुराम स्वाभिमान सेना के सभी संगठनों के सदस्यों का एक अनुरोध था कि आप उनके परिवार वालों से मिलें। इस पर हम उनके माता-पिता और भाइयों से मिले।” बराला ने बताया, “परिवार वालों का कहना है कि यह मामला संदिग्ध है। यह जांच होनी चाहिए कि दोनों आरोपी घटना में शामिल थे या नहीं।”
कहा कि हमने परिवार वालों से कहा है कि ‘हम परिवार के साथ हैं, उनको पूरा सहयोग देंगे, मामले की निष्पक्ष जांच हो। जांच के बाद दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा।’
ओवैसी पर हमला करने वाले सचिन नोएडा के बादलपुर का रहने वाला है। सचिन का कहना है कि उसने एलएलएम किया हुआ है। उस पर पहले से 307 का एक मुकदमा दर्ज है। दूसरा आरोपी शुभम सहारनपुर का रहने वाला है। वह दसवीं पास है और खेती करता है। उसका कोई आपराधिक इतिहास नहीं पता चला है।
ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी की कार पर गुरुवार को हापुड़ जिले के छिजारसी टोल पर गोली चलाई गई। वह यूपी चुनाव 2022 के लिए चुनाव प्रचार करके वापस लौट रहे थे इसी दौरान यह घटना हुई। इंडियन एक्सप्रेस के कॉलम Delhi Confidential के मुताबिक, हैदराबाद से लोकसभा एमपी ओवैसी पर जिस दिन हमला हुआ, उसी दिन उन्होंने अपनी पत्नी को डिनर पर ले जाने का वादा किया था।
हालांकि पुलिस के उच्चाधिकारियों ने बताया था कि ओवैसी पर हमला करने के आरोप में गिरफ्तार दोनों आरोपियों ने अपने जुर्म को कबूला था और कहा था कि वे राम मंदिर पर दिए ओवैसी के बयान से नाराज थे। इसी वजह से उन्होंने ओवैसी पर हमला किया।
नई दिल्ली। सांसद असदुद्दीन ओवैसी पर कथित रूप से हमला करने के आरोप में गिरफ्तार सचिन शर्मा और शुभम के परिवारों से उत्तर प्रदेश में योगी सरकार में मंत्री सुनील बराला ने मंगलवार को मुलाकात की। इसको लेकर विवाद खड़ा हो गया है। मंत्री बराला का कहना है कि कई लोगों ने उनसे कहा था कि वे निर्दोष हैं, उन्हें फंसाया गया है।
दोनों आरोपियों से मिलने के बाद मंत्री बराला ने मीडिया से कहा- “राष्ट्रीय परशुराम परिषद के हमारे प्रदेश पदाधिकारी और जिलाध्यक्ष परशुराम स्वाभिमान सेना के सभी संगठनों के सदस्यों का एक अनुरोध था कि आप उनके परिवार वालों से मिलें। इस पर हम उनके माता-पिता और भाइयों से मिले।” बराला ने बताया, “परिवार वालों का कहना है कि यह मामला संदिग्ध है। यह जांच होनी चाहिए कि दोनों आरोपी घटना में शामिल थे या नहीं।”
कहा कि हमने परिवार वालों से कहा है कि ‘हम परिवार के साथ हैं, उनको पूरा सहयोग देंगे, मामले की निष्पक्ष जांच हो। जांच के बाद दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा।’
ओवैसी पर हमला करने वाले सचिन नोएडा के बादलपुर का रहने वाला है। सचिन का कहना है कि उसने एलएलएम किया हुआ है। उस पर पहले से 307 का एक मुकदमा दर्ज है। दूसरा आरोपी शुभम सहारनपुर का रहने वाला है। वह दसवीं पास है और खेती करता है। उसका कोई आपराधिक इतिहास नहीं पता चला है।
ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी की कार पर गुरुवार को हापुड़ जिले के छिजारसी टोल पर गोली चलाई गई। वह यूपी चुनाव 2022 के लिए चुनाव प्रचार करके वापस लौट रहे थे इसी दौरान यह घटना हुई। इंडियन एक्सप्रेस के कॉलम Delhi Confidential के मुताबिक, हैदराबाद से लोकसभा एमपी ओवैसी पर जिस दिन हमला हुआ, उसी दिन उन्होंने अपनी पत्नी को डिनर पर ले जाने का वादा किया था।
हालांकि पुलिस के उच्चाधिकारियों ने बताया था कि ओवैसी पर हमला करने के आरोप में गिरफ्तार दोनों आरोपियों ने अपने जुर्म को कबूला था और कहा था कि वे राम मंदिर पर दिए ओवैसी के बयान से नाराज थे। इसी वजह से उन्होंने ओवैसी पर हमला किया।