लखनऊ| उत्तर प्रदेश की ग्रामीण स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए यूपी सरकार लगातार प्रयासरत है। प्रदेश सरकार स्वास्थ्य सुविधाओं के आधारभूत ढांचे को बेहतर बनाने के लिए लगातार काम कर रही है, जिसके तहत प्रदेश में पांच हजार नए स्वास्थ्य उपकेंद्र खोले जा रहे हैं। ग्रामीणों की सेहत सुधार के लिए कई महत्वपूर्ण योजनाएं सरकार की ओर से प्रदेश में चलाई जा रही हैं। पांच हजार नए केंद्रों के खुलने के बाद इन योजनाओं को भी गति मिलेगी। इन नए उपकेन्द्रों पर जरूरी उपकरणए चिकित्सक व पैरामेडिकल स्टाफ की व्यवस्था स्वास्थ्य विभाग की ओर से की जाएगी।
राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि इन वेलनेस सेंटर के खुलने से ग्रामीण लोगों को कई सुविधाएं मिलने लगेंगी। केंद्रों में मातृत्व स्वास्थ्यए शिशु स्वास्थ्यए टीकाकरणए किशोर स्वास्थ्यए मधुमेहए रक्तचाप की जांचए संचारी और गैर संचारी रोग प्रबंधन और उपचार की व्यवस्था होगी। इसके साथ ही योग और एक्सरसाइजए काउंसिलिंगए स्कूल हेल्थ एजुकेशनए आपात कालीन चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध रहती हैं। टीकाकरण और मातृत्व स्वास्थ्य की जांच और इलाज के अलावा मौसमी बीमारीए टीबीए मलेरिया की रोकथाम के उपाय बताने के साथ उपचार की सुविधा प्रदान की जाती है।
इन उपकेन्द्रों में कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर की तैनाती की जाएगी। ब्लड प्रेशरए डायबिटीजए टीबीए चेचकए कुष्ठए मलेरियाए दिल व टायफाइड समेत अन्य बीमारियों की प्राथमिक स्तर पर पहचान की जाएगी। इसके साथ ही मरीजों को उनके हिसाब से विशेषज्ञ डॉक्टरों के पास रेफर किया जाएगा। स्वास्थ्य उपकेन्द्रों में अभी तक एएनएम बैठती थीं। अब इन उपकेन्द्रों में कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर ;सीएचओद्ध की तैनाती की जाएगी। केजीएमयू जैसे संस्थानों से छह माह की ट्रेनिंग करने वाली स्टाफ नर्स को सीएचओ पद पर तैनात किया जाएगा।