द न्यूज 15
नई दिल्ली। भले ही महाराष्ट में भ्र्ष्टाचार दिखाई दिया हो पर प्रख्यात समाजसेवी अन्ना हजारे को आख़िरकार देश में भ्र्ष्टाचार दिखाई देने लगा है। अन्ना हजारे ने केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर महाराष्ट्र में सहकारी चीनी मिलों की बिक्री में कथित तौर पर 25,000 करोड़ रुपये के घोटाले और बेहद कम कीमतों पर उनकी खरीद की सुप्रीम कोर्ट के एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश से जांच की मांग की है। शाह को लिखे अपने पत्र में हजारे ने अनुरोध किया कि कथित घोटाले की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट के एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक उच्चाधिकार प्राप्त समिति गठित की जाए।
नेताओं की मिलीभगत का लगाया आरोप : हजारे ने लिखा, हम 2009 से मामूली कीमत पर राजनेताओं की मिलीभगत से चीनी मिलों की बिक्री के खिलाफ और सहकारी वित्तीय संस्थानों में अनियमितताओं के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं। 2017 में हमने मुंबई में एक शिकायत दर्ज की थी और शिकायत की जांच के लिए एक डीआईजी रैंक के अधिकारी को नियुक्त किया गया था।
उन्होंने कहा कि दो साल बाद एक क्लोजर रिपोर्ट पेश की गई जिसमें कहा गया था कि कोई अनियमितता नहीं पाई गई। अगर महाराष्ट्र सरकार 25,000 करोड़ रुपये के घोटाले के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए तैयार नहीं है, तो कार्रवाई कौन करेगा? उन्होंने कहा कि केंद्र ने किसानों के कल्याण और सहकारी क्षेत्र में सुधार के लिए सहकारिता मंत्रालय का गठन किया है।
उन्होंने कहा कि हमारा मानना है कि यह एक अच्छा उदाहरण होगा यदि केंद्र एक उच्च स्तरीय समिति का गठन करके महाराष्ट्र में चीनी मिलों की बिक्री की जांच करे। हजारे ने अपने पत्र में किसी भी सहकारी चीनी मिल के नाम का जिक्र नहीं किया।