पिछले चार साल में मध्यप्रदेश में 85 बाघों की मौत : सरकार

0
231
Spread the love

भोपाल | मध्य प्रदेश के वन्यजीव आवासों में विभिन्न कारणों से पिछले चार वर्षो में 32 शावकों सहित 85 बाघों की मौत हो गई है, सरकार ने राज्य विधानसभा को यह जानकारी दी है। राज्य के वन मंत्री कुंवर विजय शाह ने जबलपुर (पूर्व) से कांग्रेस विधायक लखन घनघोरिया के एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी।

कांग्रेस विधायक ने जानना चाहा था कि 2018-19 से 2021-22 तक चार साल में राज्य में कितने बाघ मारे गए।

विधायक ने विभिन्न अभ्यारण्यों से कितने बाघ भागे हैं, इसकी भी जानकारी मांगी थी, जिस पर शाह ने कहा कि विभिन्न वन गलियारों से बाघों का आना-जाना भोजन, साथी, बेहतर आवास और नए क्षेत्र की तलाश में एक प्राकृतिक प्रक्रिया है।

मंत्री ने सदन को बताया, “राज्य सरकार ने 2018-19 के दौरान बड़ी बिल्लियों के संरक्षण, सुरक्षा और निगरानी पर 28,306.70 लाख रुपये खर्च किए, जबकि 2019-20 में यह राशि 22,049.98 लाख रुपये थी। 2020-21 और 2021-22 में क्रमश : 26,427.86 लाख और 12,882.82 लाख रुपये खर्च किए गए हैं।”

राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) की रिपोर्ट ने सुझाव दिया कि मध्य प्रदेश में 2012 और 2020 के बीच कुल 202 बाघों के मरने की सूचना है। एनटीसीए की वेबसाइट पर उपलब्ध आंकड़ों में कहा गया है कि राज्य में इस साल जनवरी से दिसंबर के बीच अब तक 38 बाघों की मौत हुई है।

मध्य प्रदेश ने 2018 की जनगणना में 526 बाघों का घर होने के कारण टाइगर स्टेट का टैग हासिल कर लिया था, जो कर्नाटक से दो अधिक है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here