25 दिन में 3 एनकाउंटर 4 अपराधी ढेर

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 बिहार पुलिस का अंडरवर्ल्ड को स्पष्ट संदेश,  क्राइम किया तो उड़ा देंगे !

 पटना। बिहार पुलिस का निजाम बदले अभी महज 25 दिन ही बीते है। लेकिन पटना में 2 और पूर्णिया में एक एनकाउंटर यानी अबतक कुल 3 मुठभेड़ों में 4 अपराधियों को मार गिराया गया है। दरअसल यह बिहार के नए डीजीपी और उनकी टीम कैसे काम करेगी इसका एक स्पष्ट उदाहरण है।
आग़ाज़ देखकर लोगों ने कहना शुरू कर दिया है कि आखिरकार बिहार को अपने तरह का नया ‘सिंघम’ मिल गया है, जो बातें तो बहुत कम कर रहा है लेकिन, उनका काम बोलने लगा है।
आईपीएस विनय कुमार की चर्चा बिहार की ब्यूरोक्रेसी में सालों से हो रही है। वैशाली जिला के महुआ थाना क्षेत्र के बेलकुंडा रामपुर रानी गांव के रहने वाले विनय कुमार 1991 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। विनय कुमार बेहद शालीन माने जाते हैं। हालांकि, दो साल पहले उनके साथ एक बड़ा हादसा हुआ था। विनय कुमार की पत्नी की डेंगू से मौत हो गई थी। आईआईटी खड़गपुर से पढ़ाई के बाद आईपीएस बनने वाले विनय कुमार बिहार पुलिस में कई तरह के रिफॉर्म कर चुके हैं। कई मौकों पर बिहार के सीएम नीतीश कुमार कह चुके हैं कि विनय बाबू तो इतना काम किए हैं आगे भी करते रहेंगे। उच्चतम न्यायालय के आदेश के आलोक में अब वह अगले दो साल तक डीजीपी के पद पर बने रहेंगे। वही इनके टीम के सेनापति यानी एडीजी (अभियान) कुंदन कृष्णन का नाम बिहार के अपराधियों में सिहरन पैदा करता रहा है।
दअरसल, बिहार कैडर के 1994 बैच के आइपीएस कुंदन कृष्णन अपराधियों के खिलाफ अपनी जीरो टॉलरेंस के नीति और अपने जबरदस्त नेटवर्क खातिर अतिचर्चित है। इनका नाम अपराधियों के बीच खौफ का पर्याय रहा है। वर्ष 2005 में नीतीश कुमार के मुख्यमंत्री बनने के बाद बाहुबलियों के विरुद्ध की गई कार्रवाई में आइपीएस कुंदन कृष्णन ने अहम भूमिका निभाई थी।अपराधियों के बीच खौफ था और है। साल 2002 की बात है जब छपरा जेल में करीब 1200 कैदियों ने उत्पात मचाया था। इस दौरान कैदियों ने जेल पर कब्जा कर लिया था और पुलिस पर पथराव और फायरिंग कर रहे थे। उस समय कुंदन कृष्णन सारण जिले के एसपी थे। कैदियों के उत्पात की जानकारी मिलते ही वह कैदियों से लोहा लेने के लिए एके-47 लेकर वहां पहुंच गए. इस दौरान सारण पुलिस की कार्रवाई में पांच कैदी मारे गए थे। इस तरह के एक्शन का ही असर है कि आईपीएस कुंदन कृष्णन का नाम सुनते ही बदमाशों की हालत खराब हो जाती है।
सूबे के संगठित गिरोहों और आदतन अपराधियों के खिलाफ कारगर और त्वरित एक्शन खातिर के जाने जाने वाले केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से लौटे बिहार कैडर के 1994 बैच के तेज-तर्रार आईपीएस अधिकारी कुंदन कृष्णन को पुलिस मुख्यालय का नया अपर पुलिस महानिदेशक (एडीजी) बनाया गया। साथ ही साथ 6 दिसंबर 2024 को एडीजी मुख्यालय को एक और बड़ी जिम्मेदारी सौंपी गई। राज्य पुलिस की विशेष कार्य बल (एसटीएफ) अब उन्हें ही रिपोर्ट करेगी। पहले डीजीपी को किया करती थी। इस बाबत बिहार पुलिस मुख्यालय, कार्मिक एवं कल्याण विभाग की ओर से नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया गया।
जारी नोटिफिकेशन में कहा गया है कि एसटीएफ की कार्य क्षमता, गुणवत्ता को मजबूत करने के लिए और सरकार द्वारा दिए गए महत्वपूर्ण निर्देशों को अविलंब लागू करने के लिए एडीजी मुख्यालय को एसटीएफ रिपोर्ट करेगी। साथ ही एडीजी मुख्यालय ही एसटीएफ को अपना निर्देश और सुझाव भी देंगे। साथ ही एसटीएफ के कार्यों की मॉनिटरिंग भी एडीजी मुख्यालय करेंगे। एसटीएफ की स्थापना संबंधी फाइल को छोड़कर सभी फाइलें एडीजी मुख्यालय के माध्यम से डीजीपी को जाएंगी।
इस आदेश के पारित होते ही यानी एडीजी कुंदन कृष्णन के एसटीएफ की कमान संभालते ही अति दुः साहसी इंटरस्टेट बैंक लुटेरे और गिरोहबाज मोस्ट वांटेड अजय राय उर्फ काका को विशेष कार्य बल द्वारा 6 साल के लंबे अंतराल के बाद राजधानी पटना में हुए मुठभेड़ में ढेर कर दिया गया। इस एनकाउंटर की गूंज अपराध जगत में बहुत गहरे सुनी गई।न केवल अपराधियों बल्कि माफियाओं में भी खौफ जारी हो गया है।गैंगस्टरों,बाहुबलियों और कानून तोड़ने वाले आपराधिक गिरोहों में कुंदन कृष्णन के नाम का कायम डर पुनः एक बार व्याप्त हो गया है।
इसी बीच बिहार पुलिस में बड़े बदलाव के तहत 1991 बैच के आईपीएस अधिकारी विनय कुमार नए पुलिस महानिदेशक नियुक्त कर दिए गए। इसका असर भी दिखाई दिया और सूबे में कानून व्यवस्था को सुदृढ़ करने और अपराधियों के खिलाफ ऑल आउट एक्शन खातिर विनय कुमार के नेतृत्व वाली बिहार पुलिस में कुंदन कृष्णन को विशेष कार्य बल (एसटीएफ) के प्रमुख की भी अतिरिक्त जिम्मेदारी दी गई है। जिसका नतीजा भी दिखाई दिया और पूर्णिया में कुख्यात और 2 लाख के इनामी डकैत सुशील मोची को पुलिस ने एनकाउंटर में मार गिराया है। बिहार में नये डीजीपी विनय कुमार के पदभार संभालने के बाद से पुलिस की कार्यशैली में बदलाव देखा जा रहा है। 25 दिन में 3 एनकाउंटर में 4 अपराधी ढेर होने से जहां बिहारवासी खुश है वही दूसरी तरफ बिहार पुलिस का अंडरवर्ल्ड को स्पष्ट संदेश दे दिया है।
अब देखना है आने वाले दिनों डीजीपी और एडीजे के नेतृत्व में अपराधियों के खिलाफ बिहार पुलिस अपराध के खिलाफ कैसे कहर बरपाती है क्योंकि 6 साल बाद राजधानी में हुए एनकाउंटर के बाद ताबड़तोड़ जारी पुलिस मुठभेड़ मैसेज कितनी दूर तलक जाएगा।

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