इसका ताजा उदाहरण है
उत्तर प्रदेश के बागपत और शामली जिला के अनुसूचित जाति के 14 बाल एवं बंधुआ मजदूरों को बंधुआ मजदूरी से मुक्त कराने के लिए जिला उपायुक्त, पुलिस अधीक्षक, जिला- लुधियाना, श्रम आयुक्त, DGP, मुख्य सचिव, मुख्य मंत्री, पंजाब के अलावा जिलाधिकारी, जिला- बागपत, जिलाधिकारी, जिला- शामली, श्रम आयुक्त, कानपुर, उत्तर प्रदेश, मुख्य सचिव, लखनऊ, उत्तर प्रदेशप्रदेश और अध्यक्ष, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग, नई दिल्ली को 14.03.2024 को ईमेल के माध्यम से पत्र भेजा गया था. उसके बाद 19.03.2024 को भेजा गया था कि मज़दूरों को डीo केo आरo ईंट भठ्ठा, का मालिक काला, निवासी- इसनपुर, खाना, – लुधियाना (पंजाब) में बंधक बनाया गया है। हद तो तब गई जब बाल एवं बधुआ मजदूरों को मुक्त कराने गई टीम ईंट भठ्ठा मालिक के साथ मिलकर मजदूरों को डरा धमकार पुनः दूसरे ईंट भठ्ठा नियोक्ता सरपंच तेजिंदर, ईंट भठ्ठा TS, स्थान:- रामपुर कनेज, पायल, थाना- दरहा, लुधियाना, पंजाब में बेच दिया गया. जिसकी जानकारी 20 दिन बाद संगठन के अथक प्रयास मिली. उसके बाद असंगठित मजदूर मोर्चा के स्थानीय टीम, लुधियाना प्रशासन के साथ मिलकर मजदूरों को सकुशल उनके घर भिजवाया।