नई दिल्ली| भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ईसाई धर्म के सर्वोच्च नेता पोप फ्रांसिस के बीच शनिवार को हुई मुलाकात को ऐतिहासिक बताते हुए इसे शांति, सद्भाव और अंतर-धार्मिक संवाद की दिशा में एक बड़ा कदम करार दिया है।
पीएम मोदी और पोप फ्रांसिस के बीच हुए मुलाकात की तस्वीरों को ट्वीट करते हुए भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने लिखा, दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश के प्रधान मंत्री और दुनिया के सबसे बड़े ईसाई संप्रदाय के सर्वोच्च प्रमुख के बीच बैठक इतिहास की किताबों के लिए उपयुक्त अवसर है। यह शांति, सद्भाव और अंतर-धार्मिक संवाद की दिशा में एक बड़ा कदम है।
जेपी नड्डा ने अपने अगले ट्वीट में लिखा , भारत एक जीवंत और समावेशी लोकतंत्र है, जहां ईसाई समुदाय ने राजनीति, फिल्म, व्यापार और सशस्त्र बलों जैसे क्षेत्रों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। मोदी जी के नेतृत्व में भारत ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास’ की राह पर आगे बढ़ रहा है।
आपको बता दें कि , रोम में होने वाले जी-20 शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए इटली पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को ईसाई धर्म के सर्वोच्च नेता पोप फ्रांसिस से मुलाकात की। सूत्रों के मुताबिक, दोनों नेताओं के बीच वैसे तो यह मुलाकात सिर्फ 20 मिनट के लिए ही निर्धारित की गई थी लेकिन पीएम मोदी और पोप फ्रांसिस के बीच यह बैठक एक घंटे तक चली। बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ईसाई धर्म के सर्वोच्च नेता पोप फ्रांसिस को भारत आने का न्यौता भी दिया है।
ईसाई धर्म के सर्वोच्च नेता पोप फ्रांसिस अगर इस न्यौते को स्वीकार कर भारत आते हैं तो दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश की यह उनकी पहली यात्रा होगी। आपको याद दिला दें कि इससे पहले पोप जॉन पॉल द्वितीय वर्ष 1999 में भारत आए थे। उस समय भी केंद्र में भाजपा की ही सरकार थी और अटल बिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री थे। एक बार फिर भाजपा की सरकार ने ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में पोप को भारत आने का निमंत्रण दिया है।
बताया जा रहा है कि दोनो नेताओं के बीच एक घंटे तक चली बातचीत के दौरान जलवायु परिवर्तन रोकने और गरीबी दूर करने सहित कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर भी चर्चा हुई।