-लालू-तेजस्वी और राहुल के सपनों पर फिरा पानी
दीपक कुमार तिवारी
पटना। बिहार में सत्तारूढ़ जनता दल यूनाइटेड की शनिवार को दिल्ली में आयोजित राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में मुख्य रूप से सांगठनिक और राजनीतिक प्रस्ताव पेश किए गए और इनको सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया। पार्टी ने फैसला किया है कि वह एनडीए में ही रहेगी। बैठक के बाद पार्टी के प्रवक्ता और पूर्व मंत्री नीरज कुमार ने बताया कि मुख्यमंत्री और पार्टी के अध्यक्ष नीतीश कुमार की अध्यक्षता में राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में मुख्य रूप से दो प्रस्ताव पेश किए गए जिसे सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया। सियासी जानकारों की मानें, तो जेडीयू के इस फैसले से कई नेताओं के चेहरे उतर जाएंगे।
ये नेता नीतीश कुमार की ओर आज भी उम्मीद भरी नजरों से देख रहे थे।
उन्होंने कहा कि बैठक में सांगठनिक और राजनीतिक प्रस्ताव पारित किया गया। नीतीश कुमार ने राज्यसभा में संसदीय दल के नेता संजय झा को कार्यकारी अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी।
बैठक में राष्ट्रीय कार्यकारिणी ने एनडीए में शामिल होकर लोकसभा चुनाव में बेहतर परिणाम लाने और केंद्र सरकार में शामिल होने पर अध्यक्ष नीतीश कुमार के प्रति आभार व्यक्त किया गया। उन्होंने बताया कि जननायक कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न से नवाजे जाने को भी जदयू ने गौरव का विषय बताया। नीरज कुमार ने कहा कि बैठक में नरेंद्र मोदी को तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने के लिए धन्यवाद दिया गया।
आजादी के संघर्ष, आदर्श और जीवन मूल्यों की रक्षा और राजनीति सेवा के लिए है, मेवा के लिए नहीं, इसकी बात की गई। उन्होंने कहा, इसके अलावा यह भी तय हुआ कि हम एनडीए के साथ ही रहेंगे। बैठक में सांगठनिक प्रस्ताव भी पास किये गए। इसके तहत झारखंड में इस साल होने वाले चुनाव में भागीदारी करने का प्रस्ताव पास किया गया।
प्रस्ताव में कहा गया कि वर्ष 2024 में जिन राज्यों में चुनाव होंगे, इनमें झारखंड प्रमुख है, जहां पहले भी हमारे प्रत्याशी चुनाव लड़े और जीते हैं। झारखंड पर विशेष ध्यान देते हुए हमें वहां की उन सीटों को चिह्नित किया जाएगा जहां से हमारे प्रत्याशियों के चुनाव लड़ने की संभावना सबसे ज्यादा है। इसके बाद, चुनाव के लिए आगे की रणनीति बनाकर गंभीरता से जुट जाना होगा।
बैठक में आगामी चुनाव की चर्चा करते हुए कहा गया कि लोकसभा चुनाव में बिहार में संगठन के सभी स्तरों पर पार्टी पदाधिकारियों के साथ तालमेल और कार्यकर्ताओं के साथ निरंतर संवाद ने सफलता का मार्ग प्रशस्त हुआ। इस रणनीति का प्रयोग हमें 2025 के विधानसभा चुनाव में भी मुस्तैदी से करना है। राष्ट्रीय कार्यकारिणी ने वर्ष 2025 में जिन भी राज्यों में विधानसभा के चुनाव हों और जहां हमारे उम्मीदवार चुनाव लड़ेंगे, वहां प्रत्येक बूथ के लिए 5 से 10 कार्यकर्ताओं के नाम पहले से तय कर लेने का निर्णय लिया गया।
बैठक में प्रखंड, अनुमंडल, जिला स्तर पर प्रभारियों की बैठक अथवा प्रशिक्षण का कार्यक्रम भी आयोजित कराने का निर्णय लिया गया।