राम विलास
राजगीर। भूख और प्यास से बिलबिला रहे जंगली जानवर गांव की ओर रूख करने लगे हैं। भोजन -पानी की तलाश में इधर उधर भटकते जंगली जानवरों को जान गंवानी पड़ रही है। ऐसा ही एक मामला सामने आया है। जंगल से भटककर दो हनुमान भोजन पानी की तलाश में रेलवे स्टेशन के समीप के गांव नोनही पहुंच गया। भोजन- पानी की तलाश में मारे – मारे फिर रहे दो हनुमानों में एक की मौत करेंट की चपेट में आने से गुरुवार की शाम में ही हो गयी थी। जबकि दूसरा हनुमान शुक्रवार को करेंट की चपेट में आ गया। मृतक हनुमान को गांव वालों ने श्रद्धा पूर्वक मट्टी मंजिल कर दिया। परंपरानुसार ग्रामीणों द्वारा मृत हनुमान को गड्ढ़ा खोदकर दफना दिया गया है। ग्रामीणों की सूचना पर घायल हनुमान को पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के पदाधिकारी अपने साथ ले गये हैं।
घायल हनुमान का इलाज वन्यप्राणी सफारी अस्पताल में किया जा रहा है। ग्रामीणों के अनुसार दूसरा हनुमान शुक्रवार को गांव के ट्रांसफार्मर के पास करेंट की चपेट में आ गया। करेंट लगने के कारण वह पूरी तरह से झुलसकर जमीन पर गिर गया। गांव वालों की सूचना पाकर वन विभाग के फॉरेस्टर दीपक कुमार दलबल के साथ नोनही पहुंचकर घायल हनुमान को कब्जे में लिया। उसे वन्यप्राणी सफारी के अस्पताल में इलाज हेतु भर्ती कराया गया है।
फॉरेस्टर दीपक कुमार के अनुसार घायल हनुमान खतरे से अभी बाहर है। उसका समुचित इलाज सफारी अस्पताल में किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इलाज पूरी के बाद घायल हनुमान को जंगल में तालाब के पास छोड़ दिया जायेगा।
उन्होंने कहा की कहीं से भी वन्यप्राणी घायल अथवा बीमार होने की खबर मिलने पर वन विभाग द्वारा त्वरित कार्रवाई की जाती है। वन कर्मियों द्वारा त्वरित कार्रवाई करते हुये वन्यप्राणी को रेस्क्यू कर उचित कार्रवाई की जाती है।