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खाली होगा आप का दफ्तर, सुप्रीम कोर्ट ने दिया आदेश 

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15 जून  तक खाली करना है दफ्तर, राउज एवेन्यू कोर्ट की आवंटित जमीन बना होने की बात आई सामने, दिल्ली में देखी जा रही एलजी और मुख्यमंत्री के बीच वर्चस्व की लड़ाई 

द न्यूज 15 ब्यूरो

नई दिल्ली। वह तो देखने में आता है कि सत्तारूढ़ पार्टी जगह पर कब्ज़ा कर लेती है। पर यह कोर्ट की ही ताकत है कि सत्तारूढ़ पार्टी आप को अपना दफ्तर करना पड़ेगा। दरअसल एलजी वीके सक्सेना और मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल के बीच वर्चस्व की लड़ाई के बीच केजरीवाल को उच्चतम न्यायालय से बड़ा झटका मिला है। सुप्रीम कोर्ट ने आम आदमी पार्टी को अपना दफ्तर खाली करने का आदेश पारित कर दिया है। हालांकि, कोर्ट ने चुनाव के मद्देनजर 15 जून तक की मोहलत दी। दरअसल, आम आदमी पार्टी के खिलाफ शिकायत की गई थी कि उनका दफ्तर राउज एवेन्यू कोर्ट को आवंटित जमीन पर बना है। हमें अन्य राष्ट्रीय दलों की तरह उसी क्षेत्र में जमीन दें- दफ्तर खाली करने के आदेश पर AAP का बयान।

इस मामले में हाईकोर्ट ने भी सख्त नाराजगी जाहिर करते हुए दफ्तर खाली करने को कहा था।  इस फैसले के खिलाफ AAP ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। अब सुप्रीम कोर्ट ने दफ्तर खाली करने के लिए कहा है। साथ ही कोर्ट ने कहा कि AAP नए दफ्तर के लिए सरकार को आवेदन दे सकती है।

कोर्ट ने यह भी कहा कि संबंधित विभाग AAP के आवेदन पर 4 सप्ताह में फैसला ले। कोर्ट ने साफ किया कि जमीन पहले से कोर्ट को आवंटित है। उस भूमि पर हाई कोर्ट के कर्मचारियों का आवासीय परिसर बनना है, वहां पार्टी दफ्तर नहीं चला सकते।

कोर्ट ने जताई थी कड़ी नाराजगी

इससे पहले 14 फरवरी को इस मामले में सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कड़ी नाराजगी जताई थी। सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा था, किसी को भी कानून तोड़ने की इजाजत नहीं दी जा सकती। कोर्ट ने आप को ये दफ्तर खाली करने और हाईकोर्ट को जमीन सौंपने का आदेश दिया था। अब कोर्ट ने 15 जून तक इसे खाली करने का आदेश दिया है।

शिकायत है कि आप का दफ्तर दिल्ली हाईकोर्ट को आवंटित राउज एवेन्यू के प्लॉट पर चल रहा है, यहां पहले दिल्ली के ट्रांसपोर्ट मंत्री का आवास था, लेकिन बाद में इसमें AAP ने अपना दफ्तर बना लिया।

AAP बोली- केंद्र ने कोर्ट को भ्रमित किया

इस मामले में आम आदमी पार्टी ने कहा था, हम SC के सामने वैध दस्तावेज पेश करेंगे। इस मामले में केंद्र सरकार सुप्रीम कोर्ट को भ्रमित कर रही है। ये भूमि दिल्ली सरकार ने AAP को आवंटित की है। इस पर कोई अतिक्रमण नहीं हुआ।