चिंतनीय है बेरोजगारी का चुनावी मुद्दा न बन पाना 

चरण सिंह राजपूत 
मौजूदा दौर वैसे तो हर वर्ग के लिए चुनौतीपूर्ण है पर युवा वर्ग के लिए तो मानसिक रोगी जैसी स्थिति हो गई है। ऐसा लग रहा है कि जैसे रोजी और रोटी के लिए कोई जिम्मेदार तंत्र गंभीर न हो। समझौतावादी प्रवृत्ति अन्याय को बढ़ावा दे रही है। जो राजनीतिक दल देश और समाज के लिए काम करने को दंभ भरते हैं वे किसी भी तरह से सत्ता को हथियाने के लिए कुछ भी करने को तैयार हैं। जो राजनीति देश और जनता के लिए होनी चाहिए वह अपने धंधे और अपने रुतबे के लिए हो रही है। जनता भी है कि पांच साल तक चिल्लाती रहेगी पर जब नेताओं से जवाब मांगने समय आएगा तो निजी स्वार्थ में फंस जा रही है। जिन लोगों को सत्ता और विपक्ष को आइना दिखाना चाहिए वे लोग हैं कि छोटे छोटे लालच में फंस जा रहे हैं। जिस युवा के कन्धों पर बदलाव की जिम्मेदारी होती है उसे भी राजनीतिक दलों ने जाति और धर्म में बांटकर अपना हथियार बना रखा है।
सोचनीय बात है कि चुनाव के समय भी लोग सचेत नहीं हो रहे हैं। पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं और जमीनी मुद्दे गायब हैं। बेरोजगारी और महंगाई जैसा ज्वलंत मुद्दा गायब है। कोई दल बिजली फ्री देने की बात कर रहा है तो कोई लैपटाप देने की। कोई श्री कृष्ण के सपने में आकर उनकी सरकार बनने की बात कर रह है तो कोई राम मंदिर और श्रीकृष्ण मंदिर की। कोई जान को खतरा बताकर सहानुभूति बटोरने की कोशिश में है किसान आंदोलन के बल पर सत्ता हासिल करने की जुगत भिड़ा रहा है। यदि बात नहीं हो रही है तो बस रोजी रोटी की। कैसे युवाओं को रोजगार मिले ? कैसे छीना जा रहा रोजगार बरकरार रहे।
उत्तर प्रदेश चुनाव लोकसभा चुनाव से पहले के सेमीफाइनल के तौर पर भी देखा जा रहा है। भले ही सत्तारूढ़ पार्टी बीजेपी और विपक्ष की मुख्य पार्टी सपा अपनी-अपनी सरकार की उपलब्धियां गिना रह हों पर इस बार भी चुनावी मैदान में हिंदुत्व और राम मंदिर का मुद्दा प्रभावी होता दिखाई दे रहा है। वह बात दूसरी है कि
प्रदेश में महंगाई और बेरोजगारी ने लोगों के लिए बड़ी परेशानी खड़ी कर रखी है। लॉकडाउन के कारण बड़े स्तर पर लोगों की नौकरी गई है विपक्ष ने भी इस मुद्दे को उठाया है पर सोचने की बात यह है कि कोई विपक्षी पार्टी इसे चुनावी मुद्दा नहीं बना पा रही है।
सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (सीएमआईई) से मिले आंकड़ो के मुताबिक उत्तर प्रदेश, पंजाब, गोवा और उत्तराखंड में गत दिसंबर के अंत तक रोजगार पाने वालों की कुल संख्या पांच साल पहले की तुलना में कम रही।  दरअसल सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (सीएमआईई) भारत की अर्थव्यवस्था पर नज़र रखने वाली संस्था है। इसके अनुसार उत्तर प्रदेश में पिछले पांच सालों में कुल कामकाजी उम्र की आबादी 14.95 करोड़ से 14 प्रतिशत (2.12 करोड़) बढ़कर 17.07 करोड़ हो गई है। नौकरियों वाले लोगों की कुल संख्या में 16 लाख तक की कमी आई है।
नतीजतन, इसकी रोजगार दर दिसंबर 2016 में 38.5 प्रतिशत से गिरकर दिसंबर 2021 में 32.8 प्रतिशत हो गई है। इस गिरावट को ऐसे भी समझ सकते हैं कि अगर यूपी में दिसंबर 2021 में उतनी ही रोजगार दर होती जितनी दिसंबर 2016 में थी, तो इसके अतिरिक्त 1 करोड़ निवासियों के पास आज नौकरी होती।
इन राज्यों में कुछ ही अगले माह विधानसभा चुनाव भी होने वाले हैं। पंजाब में पांच साल पहले 2.33 करोड़ रोजगार पाने योग्य उम्र की आबादी में से 98.37 लाख से अधिक के पास रोजगार था। वहीं यह आबादी लगभग 11 प्रतिशत बढ़कर 2.58 करोड़ होने के बाद अब कुल रोजगार युक्त लोग 95.16 लाख (3.21 लाख कम) रह गए हैं। उत्तराखंड में गत पांच वर्षों में कार्यरत लोगों की संख्या लगभग 14 प्रतिशत या 4.41 लाख घटकर 27.82 लाख रह गई है। इस स्थिति में कामकाजी उम्र की आबादी लगभग 14 प्रतिशत बढ़कर 91 लाख हो गई है। दिसंबर 2021 में राज्य की रोजगार दर गिरकर 30.43 प्रतिशत पाई गई, जबकि दिसंबर 2016 में यह 40.1 प्रतिशत थी। गोवा में रोजगार दर: गोवा की बात करें तो यहां पिछले पांच सालों में रोजगार की दर में सबसे तेज गिरावट देखने को मिली है। यह दिसंबर 2016 में 50 प्रतिशत थी जो अब 32 प्रतिशत से नीचे आ गया है। मतलब यह हुआ कि पांच साल पहले गोवा की कामकाजी उम्र की आबादी में हर दूसरे व्यक्ति के पास नौकरी थी, लेकिन अब यह अनुपात गिरकर तीन में से एक हो गया है।

Related Posts

विश्व पर्यावरण दिवस : धरती को बचाने का संकट

नीरज कुमार जानी-मानी हकीकत है कि 1760 में…

Continue reading
गाँव की सूनी चौपाल और मेहमान बनते बेटे

डॉ. सत्यवान सौरभ “गांव वही है, खेत वही…

Continue reading

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You Missed

आईएमएस में मनाया गया पर्यावरण दिवस

  • By TN15
  • June 5, 2025
आईएमएस में मनाया गया पर्यावरण दिवस

एक पेड़ मां के नाम जन अभियान की बिजनौर नगर पालिका ने की शुरुआत , चेयरमैन व ईओ ने सभासदों के साथ मिलकर किया वृक्षारोपण

  • By TN15
  • June 5, 2025
एक पेड़ मां के नाम जन अभियान की बिजनौर नगर पालिका ने की शुरुआत , चेयरमैन व ईओ ने सभासदों के साथ मिलकर किया वृक्षारोपण

हिमालय बचाओ, जीवन बचाओ: किशोर उपाध्याय ने विश्व पर्यावरण दिवस पर जलवायु संकट को लेकर दी वैश्विक चेतावनी

  • By TN15
  • June 5, 2025
हिमालय बचाओ, जीवन बचाओ: किशोर उपाध्याय ने विश्व पर्यावरण दिवस पर जलवायु संकट को लेकर दी वैश्विक चेतावनी

विश्व पर्यावरण दिवस : धरती को बचाने का संकट

  • By TN15
  • June 5, 2025
विश्व पर्यावरण दिवस : धरती को बचाने का संकट

विश्व पर्यावरण दिवस पर एक पेड़ मां के नाम की मुहिम की भाजपा ने चमन गार्डन से की शुरुआत

  • By TN15
  • June 5, 2025
विश्व पर्यावरण दिवस पर एक पेड़ मां के नाम की मुहिम की भाजपा ने चमन गार्डन से की शुरुआत

बेंगलुरु भगदड़ मामले में सरकारी वकील ने लगाया बड़ा आरोप!

  • By TN15
  • June 5, 2025
बेंगलुरु भगदड़ मामले में सरकारी वकील ने लगाया बड़ा आरोप!