दरअसल मामला यूपी के सिद्धार्थनगर का है। सिद्धार्थनगर यूपी के सहारा के निवेशकों ने वर्ष 2021 में सहारा इंडिया द्वारा धोखाधड़ी कर गाढ़ी कमाई के पैसे हड़पने का FIR दर्ज कराई थी, जिसमें आरोपी मृतक सुब्रत राय उनकी पत्नी स्वपना रॉय और साझेदार ओ पी श्रीवास्तव के साथ इनके गिरोह में शामिल अन्य कई लोगों के खिलाफ अपराध करना पाया गया था, जिसमे माननीय न्यायालय सिद्धार्थनगर के बार बार मौके देने के बाद भी आरोपी अपने अपराध को गलत साबित करने के न्यायालय नही गए और ना ही विवेचना में शामिल हुए जिसके बाद न्यायालय ने गैर जमानती वारंट जारी किया उसके बाद भी धृष्टता के साथ बने रहे और कभी भी विवेचना में शामिल नही हुए फिर न्यायालय को भगौड़ा घोषित करना पड़ा और उसके बाद चल अचल संपत्ति जब्त कर निवेशकों के पैसे लौटाने को विवश हुआ। फिर भी उत्तर प्रदेश की पुलिस की नजरों से और अपनी मजबूत राजनीतिक पकड़ के कारण ये अपराधी आजतक बचते आ रहे हैं या तो पुलिस जानबूझकर अरेस्ट कर न्यायालय में सुपुर्द नही करना चाहती है।
लखनऊ विकास प्राधिकरण और डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट लखनऊ के द्वारा दिये गए रिपोर्ट के अनुसार लखनऊ में इन लोगों के नाम से कोई अचल संपत्ति नहीं पाया गया जिससे निवेशकों ने ओपी श्रीवास्तव के पैतृक गांव- हरैया,तहसील- सलेमपुर जिला- देवरिया यू पी के पैतृक संपत्ति को नीलाम कर पैसे वापस कराने की मांग रखी है।